Gujarat News माता-पिता और बच्चों के बीच संवाद करना क्यों जरूरी है, बचपन से ही समझ देना क्यों जरूरी है।
ऐसा ही एक मामला आज हमारे सामने आया।

रिपोर्टर कुलदीप वोरा अहमदाबाद गुजरात
खाना खाने के बाद 10 साल की बेटी ने अपने दांतों में फंसे खाने को निकालने के लिए पास में पड़ी एक कील का इस्तेमाल किया. और देखते ही देखते वह बिना जाने ही कील निगल गई। लेकिन उसे परवाह नहीं थी कि क्या हुआ। उसके माता-पिता ने उसे मुजवान में देखा और उससे पूछा कि क्या कील निगल गई है या गिर गई है। इसलिए उन्होंने एल. जी। अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में दिखाया गया। जहां एक्स-रे में पेट में कील दिखाई दी, जिसके लिए उसे भर्ती किया गया था।
सोनोग्राफी एक्स-रे रिपोर्ट के अनुसार, यह संभव था कि यह पेट या आंत की शुरुआत में था।
आंत की शुरुआत, जिसे डुओडेनम कहा जाता है, शरीर की बड़ी धमनियों और नसों के बगल में, पेट की निचली परत में होती है। इमरजेंसी ऑपरेशन के बाद आंत की शुरुआत को मोबिलाइज कर नीचे उतारा गया और कील निकाली गई, जो छोटी नहीं, बल्कि 3 सेंटीमीटर बड़ी थी।
ऑपरेशन के बाद मरीज को स्थिर स्थिति में डिस्चार्ज कर दिया गया।
यह मामला एक उदाहरण है, छोटे बच्चों की देखभाल करना कितना जरूरी है, सही समझ देना, अगर यही कील गले में इतनी दूर चली जाए तो सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, खाने की नली में छेद हो सकता है, और अगर पेट या आंतों में पेट में छेद हो जाए तो पित्त फैल सकता है और सेप्सिस हो सकता है। ऑपरेशन एल.जी. अस्पताल के सर्जरी विभाग के डॉ. तपन शाह, डॉ. मुकेश सुवेरा और डॉ. जामिन शाह की टीम ने विभागाध्यक्ष डॉ. यह असित पटेल के मार्गदर्शन में एनेस्थीसिया और ओटी स्टाफ के साथ किया गया था।