गोरखपुर में स्कूल मर्जर के खिलाफ शिक्षकों ने भरी हूंकार:
गोरखपुर में स्कूल मर्जर के खिलाफ शिक्षकों ने भरी हूंकार:
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित बेसिक शिक्षा विभाग के तहत स्कूलों के मर्जर (विलय) के फैसले को लेकर प्रदेश भर में विरोध के सुर तेज हो गए हैं। सरकार का तर्क है कि छात्रों की घटती संख्या वाले स्कूलों को एक साथ मिलाकर शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा, लेकिन स्थानीय लोग इसे बच्चों की शिक्षा के अधिकार पर हमला मान रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक और जूनियर स्कूलों के मर्जर से बच्चों को अब कई किलोमीटर दूर तक पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ेगा। इससे खासतौर पर छोटी कक्षाओं के विद्यार्थियों, खासकर बालिकाओं की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ सकता है।
अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार को स्कूलों की संख्या कम करने की बजाय उनमें संसाधन और शिक्षक बढ़ाने चाहिए। जगह-जगह शिक्षकों ने प्रदर्शन कर सरकार से स्कूल मर्जर नीति को वापस लेने की मांग की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को कमजोर कर सकता है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो यह शिक्षा के अधिकार कानून (RTE) का भी उल्लंघन हो सकता है।।