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आशा-सहयोगिनियों का हल्ला बोल कटनी में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, बकाया भुगतान और नियमित वेतन की मांग

कटनी। मध्यप्रदेश आशा/आशा सहयोगिनी श्रमिक संघ, कटनी इकाई की सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कटनी कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, म.प्र. के नाम एक विस्तृत ज्ञापन संयुक्त कलेक्टर जितेंद्र को सौंपकर शीघ्र अतिशीघ्र उनकी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की है।

​ज्ञापन सौंपने आईं कार्यकर्ताओं ने बताया कि मध्य प्रदेश में आशा एवं आशा पर्यवेक्षकों को भुगतान करने की स्थिति बेहद दयनीय है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले तीन-तीन महीनों से उनका भुगतान नहीं किया गया है, और कई कार्यों की प्रोत्साहन राशि (इंसेंटिव) भी काफी समय से बकाया है, जिसके कारण वे आर्थिक रूप से बेहद परेशान हैं।
कार्यकर्ताओं ने इस बात पर गहरा रोष जताया कि रक्षाबंधन और दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारों के अवसर पर भी उनका भुगतान नहीं किया गया, जबकि हर विभाग में त्यौहारों से पूर्व मजदूरों और कर्मचारियों के सभी बकाया राशियों का भुगतान और त्यौहार अलाउंस भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आशा एवं पर्यवेक्षक दिन-रात काम करती हैं, लेकिन उनके भुगतान के संबंध में विभाग कभी भी गंभीर नहीं रहता।
​ज्ञापन में राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के उस निर्णय का भी उल्लेख किया गया, जिसमें आशा एवं पर्यवेक्षकों को योजनाकर्मी और श्रमिक का दर्जा, न्यूनतम वेतन एवं सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ देने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें कर्मचारियों के दर्जे से वंचित कर सारे अधिकारों को देने से इनकार किया जा रहा है।
​संगठन ने जोर देकर कहा कि अन्य कर्मचारियों की तरह आशा एवं पर्यवेक्षकों को भी प्रत्येक माह में निश्चित दिनांक को, नियमित रूप से वेतन/प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने का अधिकार है, जो उन्हें नहीं दिया जाता।

​आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा कई बार दिखावे के तौर पर प्रत्येक माह की 5 तारीख तक प्रोत्साहन राशि का नियमित भुगतान करने के आदेश जारी किए गए और मिशन संचालक सहित अधिकारियों द्वारा आश्वासन भी दिया गया, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया।
​उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि हर वर्ष संपूर्ण भुगतान न देने के लिए कभी बजट का तो कभी सॉफ्टवेयर चेंज होने का बहाना बनाया जाता है। इस बहाने के माध्यम से आशाओं की हजारों की राशि का घपला कर दिया जाता है, और घपला उजागर होने पर विभाग उस राशि की रिकवरी तो कर लेता है, लेकिन आशा के हिस्से की यह राशि उन्हें प्रदान नहीं की जाती।

​कार्यकर्ताओं ने बताया कि राज्य एवं केंद्र की राशि और इंसेंटिव का एक साथ नियमित रूप से भुगतान न होने से इसमें कई तरह की गड़बड़ियां एवं भ्रष्टाचार होते हैं, जिसका सीधा नुकसान आशाओं को उठाना पड़ता है।

आशा एवं पर्यवेक्षक के वेतन/प्रोत्साहन राशि के सभी बकाया राशियों का तुरंत भुगतान किया जाए। केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई ₹1,500 की राशि का एरियर सहित तुरंत भुगतान किया जाए।
वेतन/प्रोत्साहन राशि का प्रत्येक माह की 5 तारीख तक नियमित रूप से भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
आशा एवं पर्यवेक्षकों को किए जाने वाले वेतन भुगतान की स्लिप दी जाए।
​29 जुलाई 2023 को घोषित वार्षिक वृद्धि की राशि ₹1,000 का एरियर सहित भुगतान किया जाए।
विभागीय कार्य के दौरान दुर्घटना में घायल आशा एवं पर्यवेक्षक को ₹5 लाख तथा मृत्यु की दशा में परिवार को ₹10 लाख की राशि प्रदान की जाए। किसी भी शिकायत पर आशा एवं पर्यवेक्षक के कार्यशैली की समीक्षा एवं निष्पक्षता से जाँच कर दोषी पाए जाने की स्थिति में ही कार्य मुक्त किया जाए।
सभी डिलेवरी प्वाइंट पर आशा रेस्ट रूम की व्यवस्था की जाए। आशा कल्याणकारी योजना के तहत शिक्षा के लिए दी जाने वाली निर्धारित प्रोत्साहन राशि का तुरंत भुगतान किया जाए। आशा दिवस/प्रतिवर्ष विभाग की ओर से आशा दिवस/आशा सम्मेलन आयोजित किया जाए।
​संघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक उनकी उल्लेखित मांगों का निराकरण नहीं हो जाता, तब तक वे नियमित रूप से आंदोलन करती रहेंगी। इसी क्रम में, 17 नवंबर 2025 को जिला मुख्यालय पर 24 घंटे का धरना प्रदर्शन करते हुए एनएचएम कार्यालय पर अनिश्चितकालीन ‘हल्ला बोल’ प्रदर्शन की सूचना भी ज्ञापन के माध्यम से दी गई है।

Katni Madhya Pradesh News @ Repoter Shivcharan yadav

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