Chhattisgarh New : छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पश्चात छत्तीसगढ़ में जितने भी पत्रकार साथी हैं सुरक्षित नहीं है

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में जितने भी पत्रकार साथी हैं सुरक्षित नहीं है इसलिए सुरक्षित नहीं है कि जो भी सरकार बनता है चाय भारतीय जनता पार्टी की सरकार बने चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार बने चाहे बहुजन समाज पार्टी की सरकार बने सभी सरकार बनती है पत्रकारों से वार्तालाप के दौरान जब पत्रकार पूछता है कि पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाएगा कि नहीं लाया जाएगा तो सभी कहते हैं कि हम पत्रकार सुरक्षा कानून लाएंगे मगर कोई भी सरकार पत्रकार सुरक्षा कानून नहीं लाता। आज हमारा छत्तीसगढ़ राज्य में सुशासन का राज चल रहा है मगर शु शासन की राज में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है इसलिए सुरक्षित नहीं है कि पत्रकार किसी भी मामले की किसी भी प्रकरण की खुलासा कर देता है और उसे जनता तक ला देता है तो तुरंत अधिकारी कर्मचारी मंत्री विधायक सांसद पत्रकार को धमकी देते हैं कि तुम मेरा काला चिट्ठा क्यों खोला इसलिए मैं तुमको देख लूंगा तुमको मरवा दूंगा तुमको सब कुछ कर दूंगा यह धमकी मिलता रहता है। जिस तरह से आज मुख्यमंत्री के जिले में जनसंपर्क कार्यालय में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी पत्रकारों के ऊपर अन्याय पूर्ण कार्यवाही कर रहे हैं धमकी दे रहे हैं पत्रकारों को मार देने की अनैतिक कार्य कर रहे हैं पत्रकारों के लिए तो कहां से हमारा पत्रकार जगत सुरक्षित है मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में सुशासन का राज पतन् की राज बन रहा हैं। इस तरह से हमारे राज्य में पत्रकार सुरक्षित नहीं है आए दिन बिलासपुर रायपुर जयपुर अंबिकापुर जांजगीर चंपा शक्ति बाराद्वार जैसे बड़े शहरों एवं छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले पत्रकारों के ऊपर अत्याचार किया जा रहा है धमकियां दे जा रही है अगर काला चिट्ठा खुल जाता है तो वही मंत्री विधायक अपने सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस को पूरा अपने आगे पीछे घूमते रहती है मगर पत्रकारों के सुरक्षा के लिए पुलिस बल नहीं है क्योंकि पुलिस केवल नेता के आगे पीछे घूमने वाला है पत्रकार के आगे पीछे घूमने वाला कोई नहीं है। इस तरह से छत्तीसगढ़ राज्य में सुशासन का राज्य नहीं है पत्रकार जगत सुरक्षित नहीं है किसी भी मामले की उजागर करने वाले पत्रकार को जान से मार दिया जाता है जैसे कि बीजापुर में हुआ था मुकेश कुमार चंद्राकर को ठेकेदार के द्वारा मर्डर करने के पश्चात सेप्टिक टैंक में डाल दिया गया था और उसे लापता मान रहा था मगर जब सेप्टिक टैंक को खोला गया तो पता चला कि मुकेश चंद्राकर का लाश बरामद हुआ इस तरह से आज पत्रकार सुरक्षित नहीं है भारतीय जनता पार्टी के राज के छत्तीसगढ़ राज्य में