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Chhattisgarh New : बहु प्रतीक्षित छत्तीसगढ़ी फिल्म दंतेला सिनेमा घर में रिलीज हो चुकी है डॉक्टर ग्रुप द्वारा निर्मित इस फिल्म में रिलीज से पहले ही ट्रेड सर्कल और दर्शकों के बीच खास उत्साह पैदा कर दिया था।

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़

फिल्म की कथा चर्चरी गांव और वहां के लाल पत्थर के इर्द-गिर्द बुनी गई है। परशा राम राज दीवान खुद को पानी का राजा मानता है और गांव वालों को मात्र 15 मिनट पानी भरने का समय देता है जब नायक विशाल यादव और हीरोइन राय दी गोरिया इसका विरोध करते हैं तो असली संघर्ष की शुरुआत होती है। भैरू साहस् दिखा कर नया कुआं खोदता है लेकिन उसकी हत्या कर दी जाती है धीरे-धीरे रहस्य गहराता है और क्लाइमेक्स में खुलासा होता है कि इन सब घटनाओं के पीछे दंतेला नमक यह औरत है जो 100 साल पहले मर चुकी थी। फिल्म का यह मिश्रण गांव की मुश्किलें हैं सस्पेंस और रहस्य दर्शकों को एक अलग तरह से मनोरंजन देता है। अभिनय। राज दीवान ने खलनायक के रूप में प्रभावशाली काम किया है। विशाल यादव इंटरवल तक दमदार नजर आते हैं लेकिन उसके बाद उनका अंदाज कुछ दोहरावपूर्ण लगता है राय दी गोरिया ने पूरे हाथ में विश्वास के साथ अपनी भूमिका को जीवंत किया है वीणा सेंद्रे ने संवेदनशील अधिकारी से ध्यान खींचा है अनिल सिन्हा की एंट्री मजेदार है और उसकी मिमिक्री टच हल्का पान लगता है हालांकि उनका किरदार बहुत जरूरी नहीं लगता। ज्योत्सना ताम्रकार शांतनु पटनवार पूरणकीरी ने अपने हिस्से की भूमिकाओं को बड़े अच्छे से निभाया है। संगीत कला और सिनेमैटोग्राफी। फिल्म के गाने भले ही काम है लेकिन अच्छे लगे काली आवत है जीत थिएटर का माहौल और ऊर्जावान बना देता है बैकग्राउंड म्यूजिक कहानी की रहस्यमता को और गहराई देता है सिनेमैटोग्राफी अनुराग और सुखी कई दृश्यों को यादगार बना देती है सेट डिजाइन प्रमोद साहू द्वारा किया गया है जो की आकर्षक और वास्तविक लगता है। निर्देशन का कार्य। फिल्म का निर्देशन शांतनु पतन करने किया है यह उनकी पहली फिल्म है और उन्होंने कैमरा एंगल दृश्य संयोजन और  बैकग्राउंड म्यूजिक के माध्यम से दर्शकों को बांधे रखने में सफलता पाई है वहीं दूसरी तरफ फिल्म की लंबाई तीन घंटा 23 मिनट से कुछ ज्यादा है जिसे सावत की आवश्यकता महसूस होती है। कमजोरी इस फिल्म में।  फिल्म की लंबाई दर्शकों को थकने वाली है कुछ स्थानों पर डबिंग कमजोर सुनाई देती है पहले हाफ अपेक्षाकृत धीमा है। दंतेला एक हॉरर थ्रिलर नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति और ग्रामीण जीवन की झलक भी है थोड़ी एक्टिंग और तकनीकी सावत के साथ यह फिल्म और प्रभावशाली हो सकती है फिर भी यह छत्तीसगढ़ी सिनेमा में एक साहसिक और अनोखा प्रयास है जो दर्शकों को नया अनुभव प्रदान करता है। इस फिल्म में कॉमेडी मिमिक्री का काम किया है जूनियर जॉनी लीवर उर्फ विनोद नेताम । कहां जाता है कि किसी भी फिल्म में मिमिक्री कॉमेडियन का होना जरूरी है इस तरह से जूनियर जॉनी लीवर के रूप में जाने पहचाने जाते हैं विनोद जो की काफी कॉमेडी कर लेते हैं इस फिल्म में खूब कॉमेडी किए हैं कॉमेडी सीन इनका प्रमुखता के साथ अच्छी लगती है। हमारे संवाददाता कहते हैं कि इस तरह की फिल्म छत्तीसगढ़ में पहली बार बनी है जो की पौराणिक कथाओं पर आधारित फिल्म है इस फिल्म का प्रदर्शन खूब जोर जोर से चल रहा है जो की अच्छी रिस्पांस लाने की उम्मीद करते हैं।

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