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*कृष्ण जन्माष्टमी”का पर्व पुरे भारत वर्ष में क्षेत्रीय विविधताओं के साथ मनाया जाता है

रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
कृष्ण जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। यह त्योहार भगवान विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है, जिन्होंने दुनिया में सत्य, धर्म और न्याय की स्थापना के लिए अवतार लिया था। इस वर्ष*कृष्ण जन्माष्टमी 2025 की तारीख और पूजा मुहूर्त* कृष्ण जन्माष्टमी 2025 की तारीख को लेकर कुछ भ्रम है, क्योंकि विभिन्न स्रोतों में अलग-अलग तारीखें दी गई हैं। कुछ स्रोतों के अनुसार, यह त्योहार 15 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा, जबकि अन्य स्रोतों के अनुसार, यह त्योहार 16 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। पूजा का सबसे शुभ समय मध्यरात्रि में होगा, जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि और अनुष्ठान में कुछ विशेष चरण शामिल हैं। भगवान कृष्ण की मूर्ति को स्नान कराने के बाद, उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। भगवान कृष्ण को फूल, तुलसी पत्र, मक्खन और मिठाई चढ़ाई जाती है।पूजा के दौरान दीया और अगरबत्ती जलाई जाती है। भगवान कृष्ण की पूजा के दौरान कृष्ण पूजा मंत्रों और व्रत कथा का पाठ किया जाता है।कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर व्रत रखने का बहुत महत्व है। व्रत रखने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और आत्मा शुद्ध होती है। व्रत के दौरान, लोग फल, दूध और पानी का सेवन करते हैं और मध्यरात्रि के बाद प्रसाद ग्रहण करते हैं।कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विभिन्न प्रकार के उत्सव मनाए जाते हैं, जैसे कि महाराष्ट्र में दही हांडी का उत्सव बहुत प्रसिद्ध है, जहां युवा मानव पिरामिड बनाकर दही के मटके को तोड़ते हैं। उसके अलावा भगवान कृष्ण के जीवन को दर्शाने वाले नाटक और नृत्य-नाटिकाएं आयोजित की जाती हैं। भगवान कृष्ण की स्तुति में भजन और कीर्तन किए जाते हैं। मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में, लोग भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में नृत्य और संगीत का आयोजन करते हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में, लोग व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।

Bhopal Madhya Pradesh News @ Reporter Devendra Kumar Jain

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