
सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड में भूजल में लौह की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक पाए जाने के बाद सरकार ने सुरसर नदी के पानी को शुद्ध कर पेयजल उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) की बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना पर 3 अरब 20 करोड़ 10 लाख 1 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे।
यह परियोजना 23 पंचायतों के 63 गांवों के 318 वार्डों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगी। भूजल में लौह की अधिकता और नलकूपों के डिस्चार्ज में संभावित कमी को देखते हुए इस योजना को वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में तैयार किया गया है।
31 एमएलडी क्षमता की यह योजना दो चरणों में पूरी होगी—पहले चरण में 27 एमएलडी और दूसरे में 4 एमएलडी की जलापूर्ति व्यवस्था बनाई जाएगी। परियोजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, मास्टर और जोनल एलिवेटेड सर्विस रिजर्वायर, क्लीयर वाटर अंडरग्राउंड रिजर्वायर, पंपिंग सेट, पाइपलाइन बिछाने, बिजली कनेक्शन, ट्रांसफार्मर और अप्रोच रोड का निर्माण किया जाएगा।
निर्माण पूरा होने के बाद तीन माह तक ट्रायल अवधि रखी जाएगी। इसके बाद पांच वर्षों तक क्रियान्वयन एजेंसी ही संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी संभालेगी, जिसकी लागत भी परियोजना में शामिल है।



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