रीठी तहसील में धान के फर्जी पंजीयन कराने वाले व्यक्तियों और सहयोगी कर्मियों को कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस

रीठी तहसील में धान के फर्जी पंजीयन कराने वाले व्यक्तियों और सहयोगी कर्मियों को कलेक्टर ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
फर्जी धान पंजीयन के मामले की जांच कराने के बाद कलेक्टर ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कम्प्यूटर ऑपरेटर व 3 अन्य व्यक्तियों को नोटिस जारी कर तीन दिवस में मांगा जवाब
कटनी (03 दिसंबर) – खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान रीठी तहसील में धान खरीदी पंजीयन में धोखाधड़ी का मामला कलेक्टर श्री आशीष तिवारी के संज्ञान में आते ही उन्होंने रीठी के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी व बिलहरी के नायब तहसीलदार के संयुक्त दल द्वारा पूरे मामले की जांच कराने के बाद कूटरचना करते हुये धान का फर्जी पंजीयन कराने के मामले में लिप्त कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित तीन व्यक्तियों और रीठी के तहसीलदार संदीप सिंह ठाकुर व नायब तहसीलदार इसरार खान द्वारा खसरा सत्यापन में लापरवाही करने पर कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये सभी से 3 दिन में समक्ष में उपस्थित होकर जवाब देने के निर्देश दिये हैं।
तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस
कलेक्टर श्री तिवारी ने ग्राम निटर्रा निवासी मीराबाई पत्नी गुलाब सिंह द्वारा धान पंजीयन के संबंध में की गई शिकायत के मामले की जांच कराने पर पाया गया कि मीराबाई पत्नी विनोद कुमार के नाम पर पंजीयन क्रमांक 226424000047 दर्ज है। जिसका कुल पंजीकृत रकबा 19.37 हेक्टेयर है।
दिलचस्प पहलू यह है कि पंजीयन में मीराबाई पत्नी विनोद कुमार के अलावा रीठी तहसील के विभिन्न ग्रामों की मीराबाई नाम की भू-स्वामियों की भी जमीनें पंजीयन के दौरान जोड़ी गई थी। शासन की खरीफ पंजीयन नीति के अनुसार 5 हेक्टेयर से अधिक रकबे वाले किसान का सत्यापन एसडीएम, तहसीलदार या नायब तहसीलदार के द्वारा किये जाने का प्रावधान है। पंजीयन के इस मामले में 40 में से 20 खसरे तहसीलदार रीठी संदीप सिंह ठाकुर द्वारा सत्यापित किये गये जबकि 12 खसरे नायब तहसीलदार रीठी इसरार खान द्वारा सत्यापित किये गये थे। जिससे यह स्पष्ट होता है कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने शासन के नियमों के विपरीत जाकर रकबा सत्यापन किया है। जो लापरवाही का द्योतक है।
इन दोनों अधिकारियों का कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम के विपरीत होकर मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डनीय है। इसके लिये कलेक्टर श्री तिवारी ने दोनों अधिकारियों को 3 दिनों के भीतर उनके समक्ष उपस्थित होकर कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। जिसमें उल्लेखित किया गया है कि कारण बतायें कि क्यों न आपके विरूद्ध सक्षम प्राधिकारी को अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जाये। नियत अवधि के भीतर जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर दोनों के विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही की जायेगी।
कम्प्यूटर ऑपरेटर व 3 अन्य को भी नोटिस जारी
कलेक्टर श्री तिवारी ने धान पंजीयन के इसी मामले में ग्राम तिलगवां तहसील रीठी निवासी श्रीमती मीराबाई पत्नी विनोद कुमार को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में उल्लेखित किया है कि विपणन सहकारी समिति कटनी द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र विपणन कटनी में उपस्थित होकर समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु कृषक पंजीयन क्रमांक 226424000047 रकबा 19.37 हेक्टेयर का पंजीयन कराया गया। जिसमें मीराबाई कृषक के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों के खसरे पंजीयन में बिना उनकी सहमति से जुड़वाये गयें। पिछले साल मीराबाई के पंजीयन क्रमांक 226424000047 में 412 क्विंटल धान का विक्रय किया गया था। जिसके लिये बैंक खाता नंबर 157001999804 में 9 लाख 47 हजार 599 रूपये का भुगतान भी हो चुका है। इस बैंक खाते से सम्पत अग्रवाल की पत्नी रंजना अग्रवाल के बैंक खाता नंबर 157001971301 में 1 लाख 53 हजार रूपये अंतरित किये गये। इसके साथ ही 3, 4 एवं 6
जनवरी 2025 को तीनों दिवसों में 2-2 लाख रूपये का नगद आहरण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रीठी से किया गया। जिससे यह स्पष्ट होता है कि बैंक खाते के पंजीयन, फसल विक्रय एवं राशि आहरण व अंतरण में आपकी संलिप्तता है।
इसी प्रकार कलेक्टर श्री तिवारी ने रंजना अग्रवाल को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में उल्लेखित किया कि किसान पंजीयन क्रमांक 226424000047 मीरा बाई पत्नि विनोद कुमार के नाम से हुये पंजीयन में तहसील रीठी की मीराबाई नाम की कई महिलाओं के खसरे जोड़े गये हैं। जांच दौरान पंजीयन में उल्लेखित पते पर मीराबाई का निवासरत होना नहीं पाया गया। इसी पंजीयन क्रमांक 226424000047 से गतवर्ष हुये मीराबाई पत्नी विनोद कुमार के पंजीयन में 412 क्विंटल धान का विक्रय किया गया था, जिसकी राशि रूपये 9 लाख 47 हजार 599 रूपये का भुगतान उनके खाता क्रमांक 157001999804 में हुआ था। तदोपरांत उनके खाते से आपके खाता में क्रमांक 157001971301 में रूपये 1 लाख 53 हजार रूपये अंतरित हुये, इससे यह स्पष्ट होता है कि उक्त खाते के पंजीयन एवं राशि आहरण अंतरण में आपकी संलिप्तता है।
जबकि कलेक्टर श्री तिवारी ने श्री सम्पत अग्रवाल को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में उल्लेखित किया कि आपके द्वारा विपणन सहकारी समिति कटनी द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र विपणन कटनी घंटाघर में उपस्थित होकर मीराबाई पत्नि विनोद कुमार के नाम से खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने हेतु पंजीयन कराया गया, जिसमें आपके द्वारा कृषक के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों के खसरे पंजीयन में जुड़वाये गये।
विगत वर्ष में मीराबाई पत्नी विनोद कुमार के पंजीयन क्रमांक 226424000047 में 412 क्विंटल धान का विक्रय किया गया था, जिसकी राशि रूपये 9 लाख 47 हजार 599 रूपये का भुगतान उनके खाता क्रमांक 157001999804 में हुआ था। तदोपरांत उनके खाते से आपकी पत्नी के खाता क्रमांक 157001971301 में रूपये 1 लाख 53 हजार रूपये अंतरित हुये। इससे यह स्पष्ट होता है कि उक्त खाते के पंजीयन, फसल विक्रय एवं राशि आहरण, अंतरण में आपकी संलिप्तता है
इसके अलावा कलेक्टर श्री तिवारी ने सहकारी विपणन संस्था मर्यादित घंटाघर के कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री प्रीतम सिंह लोधी को भी कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है कि तिलगवां निवासी सम्पत अग्रवाल द्वारा मीरा बाई पत्नी विनोद कुमार के नाम पर पंजीयन कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। जिसमें आपके द्वारा पंजीयन से संबंधित दस्तावेजों में केवल आवेदन के आधार पर पंजीयन किया गया। साथ ही मीरा बाई पत्नी गुलाब सिंह निवासी ग्राम निटर्रा तहसील रीठी के पंजीयन कमांक- 226424000047 में एक ही नाम के अन्य व्यक्तियों के खसरे भी जोड़े गये हैं।
अभियोजन की कार्यवाही संस्थित
कलेक्टर श्री तिवारी ने मीराबाई पत्नी विनोद कुमार ग्राम तिलगवां, कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रीतम सिंह लोधी, सम्पत अग्रवाल तिलगवां एवं रंजना अग्रवाल पत्नी संपत कुमार अग्रवाल को जारी कारण बताओ सूचना पत्र में इन सभी के द्वारा शासन को आर्थिक क्षति पहुचाने की मंशा से कूटरचना करते हुये धान का फर्जी पंजीयन कराने का उल्लेख करते हुये कहा है कि यह कार्य शासन की पंजीयन नीति व प्रावधानों का स्प्ष्ट उल्लंघन है। इसलिये इन सबसे जवाब तलब किया गया है कि क्यों न आप सब के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही संस्थित की जाय और कम्प्यूटर ऑपरेटर श्री लोधी के विरूद्ध पद से पृथक करने की कार्यवाही की जाये। इन सभी चारों व्यक्तियों से 3 दिवस के भीतर कलेक्टर श्री तिवारी ने समक्ष में उपस्थित होकर उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। नियत अवधि में उत्तर प्रस्तुत नहीं करने की दशा में एकपक्षीय कार्यवाही की जायेगी।
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