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डॉग बाबू प्रकरण के बाद फिर प्रशासनिक चूक, प्रमंडलीय आयुक्त ने दोषी अधिकारी से मांगा स्पष्टीकरण

मसौढ़ी में ‘डॉग बाबू’ के नाम से निवास प्रमाणपत्र जारी करने की गड़बड़ी अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि बुधवार को एक नया मामला प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. चंद्रशेखर सिंह की लोक शिकायत निवारण सुनवाई के दौरान सामने आ गया।

दुल्हिनबाजार प्रखंड की रहने वाली एक युवती, जिसे शिक्षा सेवक पद पर चयनित किया गया है, ने दीदारगंज अंचल से शपथपत्र के आधार पर तीन बार निवास प्रमाणपत्र बनवाए। इस पर प्रमंडलीय आयुक्त ने बिना स्थलीय जांच और राजस्व कर्मचारी की रिपोर्ट के प्रमाणपत्र जारी करने को कानूनन गलत और गंभीर शिथिलता माना। उन्होंने प्रमाणपत्र निर्गत करने वाले अधिकारी को दोषी ठहराते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।

इस मामले को फतेहपुर निवासी रितु कुमारी ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपील में उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा सेवक पद पर चयन प्रक्रिया में भारी अनियमितता हुई है। उन्होंने कहा कि प्राथमिक विद्यालय फतेहपुर रविदास टोला के लिए बनाई गई औपबंधिक मेधा सूची त्रुटिपूर्ण है, जिसमें गलत तरीके से संगीता कुमारी का चयन किया गया।

प्रमंडलीय आयुक्त ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए पूछा कि किस प्रविधान के तहत एक ही व्यक्ति को एक ही अंचल से तीन-तीन बार निवास प्रमाणपत्र दिए गए। उन्होंने अपर समाहर्ता से इस पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट अगली सुनवाई से पहले डीएम के माध्यम से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

आयुक्त ने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून का प्रभावी क्रियान्वयन सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को आगाह किया कि लापरवाही, जनहित में संवेदनहीनता और शिकायतों के प्रति उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी

बुधवार को हुई इस सुनवाई में कुल 18 मामलों की सुनवाई और निस्तारण किया गया।

@ State Incharge Animesh Anand

Indian Crime News

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