
बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू, पहले दिन ही दिखी सियासी गर्मी – तेजप्रताप पहुंचे सदन, एसआईआर पर विपक्ष का हंगामा
पटना, 21 जुलाई – बिहार विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को शुरू हो गया है। सत्र के पहले ही दिन सियासी माहौल गरम रहा। एक ओर जहां मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया, वहीं राजद से निलंबित नेता तेजप्रताप यादव की अचानक विधानसभा परिसर में मौजूदगी ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी।
सदन स्थगन के बाद पहुंचे तेजप्रताप यादव
तेजप्रताप यादव सत्र की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विधानसभा पहुंचे। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “सदन चल रहा है, तो सोचा कि आना चाहिए।” जब उनसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “चुनाव लड़ा जाएगा। कहां से लड़ेंगे, यह समय आने पर बताएंगे। अभी कोई महुआ कह रहा है, कोई बख्तियारपुर… जहां से ज्यादा डिमांड होगी, वहीं से लड़ेंगे।”
महुआ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रह चुके तेजप्रताप ने यह भी कहा कि उन्होंने वहां बहुत काम किए हैं। जब राबड़ी देवी द्वारा उनके भाई निशांत यादव को सीएम बनाए जाने की अटकलों पर सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा, “अगर माताजी ने कहा है, तो कुछ सोचकर ही कहा होगा। हम तो शुरू से कह रहे हैं कि युवा को आगे आना चाहिए।”
गौरतलब है कि तेजप्रताप ने पूरे संवाद में एक बार भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का नाम नहीं लिया, जो राजनीतिक संकेतों की ओर इशारा करता है।
एसआईआर पर विपक्ष का हंगामा
वहीं, विधानसभा के अंदर और बाहर मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान ने बड़े फ्लेक्स के साथ विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि एसआईआर के बहाने राज्य में एनआरसी लागू करने की तैयारी हो रही है।
उन्होंने यह भी मांग की कि अंचल स्तर पर आवासीय प्रमाण पत्र और पारिवारिक सूची जारी करने पर लगी रोक तुरंत हटाई जाए। उनके इस विरोध को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिला।
आने वाले दिन होंगे और गरम
बिहार विधानसभा का यह मानसून सत्र कई अहम मुद्दों को लेकर काफी अहम माना जा रहा है। एसआईआर, महंगाई, बेरोजगारी, अपराध और जातीय जनगणना जैसे मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं, राजद में चल रही अंदरूनी खींचतान भी सत्र के दौरान चर्चा का विषय बन सकती है।