
महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बढ़ा दबाव, भाकपा ने मांगी 24 सीटें
पटना, 21 जुलाई: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन में कांग्रेस के साथ-साथ वामपंथी दल भी अपनी हिस्सेदारी को लेकर आक्रामक रुख अपना रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने पटना स्थित जनशक्ति भवन में पत्रकारों से बातचीत में सीट बंटवारे पर खुलकर अपनी बात रखी।
डी. राजा ने कहा कि, “महागठबंधन में सीट शेयरिंग एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसका जल्द समाधान होना चाहिए। चूंकि इसमें कई दल शामिल हैं, इसलिए संतुलन बनाना कठिन है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछली बार भाकपा ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार पार्टी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।
भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने महागठबंधन में समानता और न्यायसंगत हिस्सेदारी की मांग करते हुए कहा, “पिछली बार माले को 19 सीटें दी गई थीं, ऐसे में भाकपा को कम से कम 20 सीटें मिलनी चाहिए थी।” उन्होंने बताया कि इस बार पार्टी 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जिसकी सूची भाकपा ने राजद नेता तेजस्वी यादव को सौंप दी है। साथ ही, महागठबंधन के अन्य घटक दलों ने भी अपनी-अपनी सीटों की मांग तेजस्वी यादव को सौंपी है।
डी. राजा ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “बिहार में सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। जनता भ्रष्टाचार और बढ़ते अपराध से परेशान है।” उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर भी आरोप लगाए कि वे चुनाव आयोग के माध्यम से गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश कर रहे हैं।
भाकपा ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को वापस लेने की मांग करते हुए आगामी 23-24 जुलाई को “राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस” मनाने की घोषणा की है। इसके अलावा, 8 सितंबर को पटना में “बदलो सरकार-बचाओ बिहार” रैली आयोजित की जाएगी, जो विपक्षी दलों के संयुक्त आंदोलन का बड़ा मंच बन सकती है।