सशक्तिकरण की ओर कदम: दिव्यांगों को मिलेगी यूपीएससी-BPSC प्रोत्साहन राशि, किसानों को राहत

बिहार कैबिनेट की बड़ी घोषणाएं: दिव्यांगजनों को सिविल सेवा के लिए प्रोत्साहन राशि, किसानों को डीजल अनुदान और शिक्षा में नया विस्तार
पटना, 8 जुलाई 2025:
बिहार सरकार ने मंगलवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में जनहित से जुड़े 43 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। यह फैसले राज्य के दिव्यांगजनों, किसानों और विद्यार्थियों के जीवन को नई दिशा देने वाले साबित हो सकते हैं। बैठक की जानकारी देते हुए मंत्रिमंडल विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई कल्याणकारी योजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
दिव्यांगजनों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजना ‘संबल’ के तहत अब राज्य के पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और सामान्य वर्ग के पुरुष दिव्यांगजनों को सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने पर आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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BPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर ₹50,000
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UPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर ₹1,00,000 की सहायता दी जाएगी।
इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को प्रशासनिक सेवाओं में लाने और आत्मनिर्भर बनाने का है।
किसानों के लिए डीजल अनुदान योजना
राज्य सरकार ने 2025-26 के खरीफ मौसम के लिए डीजल अनुदान योजना की घोषणा की है, जिससे सूखा या अल्पवृष्टि की स्थिति में किसान सिंचाई कर सकें।
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योजना के लिए ₹100 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
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प्रति सिंचाई 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दिया जाएगा।
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धान व जूट के लिए दो सिंचाई पर 1500 रुपये, अन्य खरीफ फसलों के लिए तीन सिंचाई पर 2250 रुपये प्रति एकड़ तक सहायता दी जाएगी।
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एक किसान अधिकतम 8 एकड़ तक अनुदान का लाभ ले सकेगा।
सीएसआर फंड के लिए नई नीति
राज्य में कंपनियों के कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) फंड के बेहतर उपयोग और पारदर्शिता के लिए CSR नीति, 2025 को स्वीकृति दी गई।
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इसके तहत बिहार राज्य CSR सोसाइटी का गठन होगा।
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई है, जो तय करेगी कि किन योजनाओं में कितना CSR फंड लगेगा।
शिक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश: आवासीय विद्यालयों का निर्माण
राज्य सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालयों के निर्माण की स्वीकृति दी है:
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मुजफ्फरपुर के कुढ़नी और कैमूर जिले के चैनपुर व कोल्हुआ में 720 बेड वाले तीन विद्यालय बनेंगे।
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इन पर ₹65.80 करोड़ की लागत आएगी।
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अनुसूचित जाति बहुल प्रखंडों में नए विद्यालय खोले जाएंगे और सभी आवासीय विद्यालयों को प्लस टू स्तर तक विस्तारित किया जाएगा।
इन फैसलों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार सामाजिक न्याय, कृषि सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में समावेशी विकास को प्राथमिकता दे रही है।