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बिहार में उद्योगों को मिलेगी नई रफ्तार, नीतीश सरकार ने बदले सेटबैक नियम

छोटे भूखंडों पर फैक्ट्री निर्माण अब होगा आसान, निवेशकों को होगा फायदा

बिहार में उद्योगों को मिलेगी नई रफ्तार, नीतीश सरकार ने बदले सेटबैक नियम
छोटे भूखंडों पर फैक्ट्री निर्माण अब होगा आसान, निवेशकों को होगा फायदा

पटना। बिहार में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतीश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने बिहार बिल्डिंग बाइलाज, 2025 के तहत बियाडा (BIADA) के स्वीकृत लेआउट योजना में शामिल गैर-प्रदूषणकारी औद्योगिक भूखंडों के लिए सेटबैक नियमों में बड़ा बदलाव किया है।

अब भूखंड के आकार के अनुसार निर्माण स्थल के चारों ओर छोड़ी जाने वाली अनिवार्य खाली जगह (सेटबैक) को व्यावहारिक और लचीला बना दिया गया है। इससे छोटे और मंझोले निवेशकों को जमीन के बेहतर उपयोग का अवसर मिलेगा और कम लागत में फैक्ट्री या औद्योगिक भवन तैयार हो सकेंगे।

सरकार ने स्वीकार किया है कि पुराने नियमों के कारण छोटे भूखंडों पर उद्योग लगाना मुश्किल था। अधिक सेटबैक की अनिवार्यता से जमीन का बड़ा हिस्सा अनुपयोगी हो जाता था।

क्या है नई व्यवस्था?

  • 550 वर्गमीटर तक के भूखंड पर अब सामने 3.6 मीटर, और पीछे व बगल में केवल 1.5 मीटर की दूरी रखना होगा।

  • 3000 वर्गमीटर तक के भूखंडों के लिए सामने 6 मीटर और पीछे-बगल में 4.5 मीटर का सेटबैक होगा।

  • 30,000 वर्गमीटर से बड़े भूखंडों के लिए सामने 15 मीटर, पीछे 12 मीटर और बगल में 10 मीटर का सेटबैक अनिवार्य किया गया है।

इसके साथ ही छोटे भूखंडों (300 वर्गमीटर तक) पर बनी फैक्ट्रियों में बेसमेंट (तलघर) बनाने की अनुमति नहीं होगी। वहीं, अधिकतम भवन ऊंचाई 11 मीटर निर्धारित की गई है। जरूरत पड़ने पर ऊपर की मंजिलों में पीछे और बगल की दिशा में छोड़ी गई जगह में 20% तक बाहर निकला हुआ हिस्सा (projection) बनाया जा सकता है। 300 वर्गमीटर तक की जमीन पर यह छूट पहली मंजिल से ही लागू होगी।

विभाग ने स्पष्ट किया है कि औद्योगिक भवनों के लिए छोड़ी जाने वाली खाली जगह किसी भी स्थिति में रिहायशी या व्यावसायिक भवनों के लिए तय मानकों से कम नहीं होगी

क्या होगा असर?

इस संशोधन से राज्य में छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और MSME सेक्टर को नई ताकत मिलेगी। सरकार के इस फैसले से न केवल निवेश बढ़ेगा बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में भी इजाफा होगा।

यह कदम नीतीश सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत राज्य में सुदृढ़ औद्योगिक आधारभूत ढांचा तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। अब देखना होगा कि यह निर्णय जमीनी स्तर पर निवेशकों को कितना लाभ पहुंचा पाता है।

@ State Incharge Animesh Anand

Indian Crime News

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