
शीर्षक: बिहार में शराबबंदी केवल नाम की, ज़मीनी हकीकत चिंताजनक
बिहार में शराबबंदी कानून भले ही कागज़ों पर पूरी सख्ती से लागू बताया जाता हो, लेकिन ज़मीनी सच्चाई इससे काफी अलग है। राज्य के कई शहरों, कस्बों और यहां तक कि गांवों तक में खुलेआम शराब की बिक्री और सेवन देखा जा सकता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, शराब पीने वाले लोग अब सड़कों, गलियों और सार्वजनिक स्थलों पर बेझिझक शराब पीते नजर आते हैं। कई जगहों पर तो सड़कों के किनारे शराब की खाली बोतलें, गिलास और नशे में धुत लोग आम नज़ारा बन चुके हैं।
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि नई पीढ़ी, खासकर युवा वर्ग, इस अव्यवस्था से प्रभावित हो रही है। उन्हें शराब के सेवन में कोई डर नहीं लग रहा, क्योंकि न तो प्रशासन की सख्ती नज़र आती है और न ही समाज का दबाव।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक प्रशासन ईमानदारी से कार्रवाई नहीं करेगा और समाज खुद जागरूक नहीं होगा, तब तक शराबबंदी एक दिखावा ही बनी रहेगी।