
पुल निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु पटना में कार्यशाला, मंत्री अशोक चौधरी बोले – ग्रामीण सड़कें राज्य की ‘रक्त धमनियां’
पटना। ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सोमवार को ज्ञान भवन में पुल निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें सहायक अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता तक विभाग के विभिन्न स्तरों के तकनीकी अधिकारी शामिल हुए।
इस कार्यशाला का उद्घाटन ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2005 से अब तक 1 लाख 10 हजार किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण हो चुका है, जो बिहार की प्रगति का मजबूत आधार है।
मंत्री ने कहा कि 2005 में जहां केवल 8 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें थीं, वह आंकड़ा अब 1 लाख 18 हजार किलोमीटर से अधिक हो चुका है। उन्होंने ग्रामीण सड़कों और पुलों को राज्य की आर्थिक जीवनरेखा बताते हुए कहा कि इनसे न केवल किसानों की बाजार तक पहुंच आसान हुई है, बल्कि बिहार की उपज अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच रही है।
कार्यक्रम में मुख्य अभियंता भागवत राम ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) की विस्तृत जानकारी दी और पुल निर्माण की तकनीकी जटिलताओं पर प्रकाश डाला। तकनीकी विशेषज्ञों ने पाइल फाउंडेशन और वेल फाउंडेशन जैसी उन्नत तकनीकों पर विशेष चर्चा की।
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने अधिकारियों को समयबद्धता और गुणवत्ता के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि कार्य में लापरवाही या देरी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कार्यशाला में विशेष सचिव उज्ज्वल कुमार सिंह, मुख्य अभियंता निर्मल कुमार, संयुक्त सचिव संजय कुमार सहित विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
शीर्षक सुझाव:
पटना में पुल निर्माण पर कार्यशाला, गुणवत्ता पर विशेष जोर
राज्य की ‘धमनियों’ की तरह हैं ग्रामीण सड़कें: अशोक चौधरी
1.18 लाख KM ग्रामीण सड़कों का नेटवर्क, पुलों की गुणवत्ता पर विभाग सख्त