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Rajasthan News : मोरडू विद्यालय में मातृ- पितृ पूजन समारोह का आयोजन

रिपोर्टर महावीर चन्द्र आबूरोड राजस्थान

आबूरोड तलेटी -निकटवर्ती आदिवासी अंचल में स्तिथ राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, मोरडू में राज्य सरकार के शिविरा पंचाग के अनुसार “मातृ पितृ पूजन दिवस का आयोजन समारोह पूर्वक मनाया गया । समारोह में विद्यालय में अध्ययनरत अनेक विद्यार्थियों के पूजनीय माता पिता ने भाग लिया।विद्यालय के कार्यवाहक संस्था प्रधान भूपेंद्र सिंह कारोली ने बताया कि कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत मां शारदे की आराधना माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर की गई ।
कार्यक्रम के दौरान विधार्थियो के द्वारा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में मातृ पितृ के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए कविता,गीत और नृत्य की प्रस्तुति दी गई।कार्यक्रम की अगली कड़ी में सभी बच्चों से राज्य सरकार के निर्देशानुसार “पाती माता पिता के नाम “पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दौरान गांव से पधारे हुए सभी अभिभावकों का माल्यार्पण ,तिलक, हाथ में मौली बांधकर ,आरती उतारकर,परिक्रमा कर तथा अंत में मुंह मीठा करवाकर पूजन और सम्मान किया गया और मातृ पितृ समुदाय ने सभी बच्चों को आशीर्वाद दिया तथा पूरे विद्यालय परिवार का आभार व्यक्त किया।
समारोह में विद्यालय की शिक्षिका शोभा गरासिया ने मातृ पितृ दिवस समारोह के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस पृथ्वी पर माता पिता भगवान का दूसरा रूप है इसलिए उनका नियमित रूप से सम्मान किया जाना चाहिए। संस्था प्रधान भूपेंद्र सिंह कारोली ने समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि मातृ पितृ पूजन दिवस पर
आज हम सभी यहाँ एक बहुत ही पवित्र और प्रेरणादायक अवसर पर एकत्रित हुए हैं, जिसे हम “मातृ पितृ पूजन दिवस” के रूप में मनाते हैं। यह दिन हमें हमारे माता-पिता के प्रति अपना आभार और श्रद्धा व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। हमारे माता-पिता ही हमें जीवन के प्रथम पाठ पढ़ाते हैं, वे हमारे पहले गुरु होते हैं जो हमें हर कठिनाई से जूझने की ताकत देते हैं।
माता-पिता के आशीर्वाद से ही हम जीवन में सफल होते हैं। उनका प्यार और संघर्ष हमें मजबूत बनाता है और हमारे जीवन को सही दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है। इस दिन को मनाते हुए हमें यह समझना चाहिए कि माता-पिता का सम्मान केवल एक दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि हमें हर दिन उनका सम्मान करना चाहिए।
हमारी शिक्षा, संस्कार और चरित्र का निर्माण सबसे पहले हमारे घर में होता है। जो मूल्य और संस्कार हमारे माता-पिता हमें देते हैं, वही हमें जीवन में सही और गलत का अंतर समझने में मदद करते हैं।
आज का यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने माता-पिता के योगदान को समझें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें। आइए, हम सब मिलकर प्रण लें कि हम अपने माता-पिता का हमेशा आदर करेंगे और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को उज्जवल बनाएंगे।
कार्यक्रम के दौरान गांव से पधारे हुए अनेक अभिभावक,विद्यालय के कार्यवाहक संस्था प्रधान भूपेंद्र सिंह,शिक्षक प्रहलाद सिंह राव,शोभा गरासिया,रवीना मंडावरिया,कंचन मेम , अकीला मेम और संगीता मेम और विद्यालय के विद्यार्थी मौजूद थे ।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कंचन मेम ने बताया कि माता पिता ही जीवन में हमारे सच्चे सलाहकार होते है वे ही हमे सच्ची सलाह दे सकते है । इसलिए उनका पूर्ण रूप से सम्मान किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में सभी अभिभावकों को और विद्यार्थियों को अल्पाहार और खीर पूड़ी का भोजन प्रसाद ग्रहण करवाकर कर समारोह का समापन किया गया और संस्था प्रधान ने सभी अभिभावकों का आभार जताया कि वे अपने अपने कार्य और कार्यस्थल को छोड़कर विद्यालय में पधारे।

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