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Chhattisgarh News : जांजगीर: छत्तीसगढ़ी फिल्मों को लेकर प्रदेश में लोगों का क्रेज बढ़ता जा रहा है. कुछ फिल्मों को अच्छी पब्लिसिटी मिलती है और कुछ फिल्में फ्लॉप भी हो जाती है.

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ

लेकिन फिर भी निर्माता रिस्क लेने से पीछे नहीं हटते. पहली बार छत्तीसगढ़ी फिल्म लॉकडाउन के मया की शूटिंग जमशेदपुर और कोलकाता जैसी जगह पर हुई है. छत्तीसगढ़ी फिल्म लॉकडाउन के मया छत्तीसगढ़ के सिनेमाघर में 15 मार्च 2025 को रिलीज होगी. इस फिल्म में लगभग छह गाने हैं. यह फिल्म पूरी तरह से परिवारिक कॉमेडी और लॉकडाउन के दौरान किस तरह के हालात रहे हैं इस पर फिल्माई गई है. परिवार एक तरह से सिमट कर रह गया था. इस लॉकडाउन के दौरान परिवार कैसे एक दूसरे से प्रेम करता था. इस फिल्म में उन्हीं सब दृश्यों को फिल्माया गया है.

दूसरे राज्य में हुई शूटिंग : कैरक्टर आर्टिस्ट पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि “इस पूरी फिल्म को छत्तीसगढ़ से बाहर जाकर जमशेदपुर में शूट किया गया है. उनका यह भी कहना है कि छत्तीसगढ़ के लगभग 2 लाख जनता जमशेदपुर में निवास करती है. फिल्म को पब्लिसिटी मिल सके और फिल्म आगे बढ़ सके इस वजह से फिल्म की ज्यादातर शूटिंग जमशेदपुर में की गई है. कुछ साल पहले लॉकडाउन ने जो परिस्थितिया निर्मित हुई थी उसको सभी ने देखा है समझा है उस दौरान लोगों ने जो मदद की और अपने हाथ आगे बढ़ाए थे उन्हीं सब चीजों को फिल्म में दिखाया गया है.

फुल फैमिली इंटरटेनर है फिल्म लॉकडाउन के मया।

इस फिल्म में अलग-अलग जगह पर शूटिंग हुई है. लेकिन लॉकडाउन में जो स्थिति बनी थी इसलिए अधिकांश समय घर पर दिखाया गया है. क्योंकि लॉकडाउन के समय पुलिस और प्रशासन ने आम जनता को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी थी. ऐसे में इस फिल्म में परेशानी के दौर में जो प्रेम दिखाई पड़ता है उसे शूट किया गया है. पुष्पेंद्र सिंह,कैरक्टर आर्टिस्ट

सरकार से क्या है उम्मीद : पुष्पेंद्र सिंह के मुताबिक अगर सरकार तहसील या कस्बा स्तर पर थिएटर का संचालन करती है तो छत्तीसगढ़ी फिल्मों का क्रेज बढ़ने के साथ ही उसकी पब्लिसिटी भी बढ़ेगी. सरकार से यही उम्मीद छत्तीसगढ़ी कलाकार कर रहे हैं. छोटी-छोटी जगह पर अगर थिएटर बन जाते हैं, तो इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस फिल्म में पूरे 6 गाने हैं जो कोलकाता जमशेदपुर और छत्तीसगढ़ के कुछ जगहों पर शूट हुआ है.इस फिल्म के नायक शिवा साहू है जिसमें बहन का रोल कविता भारद्वाज ने निभाया है. इसके पहले भी वह तीन छत्तीसगढ़ी फिल्मों में अभिनय कर चुकी है. कविता भारद्वाज की यह चौथी फिल्म है. जिसमें वह नायक की बहन का रोल अदा कर रही है. शादी का रिश्ता ढूंढने के लिए वह अपने भाई के घर आती हैं उस दौरान लॉकडाउन लग जाता है और उन्हें वहीं रुकना पड़ता है.

लॉकडाउन की कहानी को फिल्म में उतारा : फिल्म के नायक शिवा साहू ने बताया कि “कुछ फिल्में फ्लॉप होती है उसके पीछे कारण यह है कि हम कई बार दर्शकों तक नहीं पहुंच पाते हैं जिसके कारण फिल्में हिट होने के बजाय फ्लॉप हो जाती है. नायक का यह भी कहना है कि अब ऐसी फिल्मों की ओर ध्यान दे रहे हैं जो आम जनता और दर्शकों की पसंद के लायक हो और लोग छत्तीसगढ़ी फिल्मों को हमेशा देखें. जो फिल्म पब्लिक के माध्यम से दूसरे तक पहुंचती है उन्हें फिल्मों को सफलता मिलती है. लॉकडाउन लगने पर किस तरह के हालात और परिस्थिति से लोगों को समझौता करना पड़ा था और लोग आपस में एक दूसरे से कैसे प्रेम से रहते थे. इन्हीं सब चीजों को इस फिल्म में फिल्माया गया.।

इंतजार की घड़ियां समाप्त होने वाली है फिल्म लॉकडाउन के माया की उल्टी गिनती चालू हो चुकी है यह फिल्म 15 मार्च से शानदार छत्तीसगढ़ के समस्त सिनेमाघर में एक साथ प्रदर्शित किया जाएगा।

हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू कहते हैं कि इस तरह की फिल्म जो बनती है वह अच्छी फिल्म होती है क्योंकि जिस टाइम में लॉकडाउन लगा था उसे टाइम में कैसे हमारा जीवन चक्र चल रहा था उसी के संबंध में बताया गया है इस फिल्म में प्रेम प्रसंग की मामले की फिल्म है कैसे शादी होता है कैसे क्या होता है लॉकडाउन के समय में इसको फिल्मों के माध्यम से हम देखेंगे।

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