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Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ी फिल्म झिटकु मिटकी, बस्तर की 300 साल पुरानी अमर प्रेम कहानी पर है आधारित

बस्तर की 300 साल पुरानी अमर प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म झिटकु मिटकी 7 फरवरी को रीलिज होगी.

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा

छत्तीसगढ़ी फिल्म झिटकु मिटकी बस्तर : छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं को फिल्मी पर्दे पर लाने के लिए छालीवुड से जुड़े कलाकार लगातार प्रयासरत हैं. इसी कड़ी में फिल्म निर्देशक राजा खान ने “झिटकू मिटकी” की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म लेकर आ रहे हैं. यह फिल्म छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपराओं और इतिहास को दुनिया के सामने पेश करने वाली है.

7 फरवरी रिलीज होगी फिल्म : निर्देशक राजा खान की फिल्म “झिटकू मिटकी” 7 फरवरी 2025 को रिलीज होने जा रही है. इसका ट्रेलर 20 दिसंबर 2024 को सिनेमाघरों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जारी किया गया है. फिल्म में झिटकू का किरदार लालजी कोर्राम और मिटकी का किरदार मुंबई की जानी मानी एक्ट्रेस लवली अहमद ने निभाया है.

छत्तीसगढ़ी फिल्म झिटकु मिटकी 7 फरवरी को होगी रीलिज।
बस्तर की कहानी को पर्दे पर लाना उद्देश्य : इस फिल्म के निर्देशक राजा खान ने बताया कि फ़िल्म बनाने के पीछे का सबसे महत्वपूर्ण वजह यह है कि बस्तर की कहानी लोगों के सामने आए. झिटकु मिटकी को धन की देवी देवता मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं. इनकी प्रतिमा भेंट स्वरूप अपने रिश्तेदारों और मेहमानों को भी दिया जाता है. ऐसे कहानी को पर्दे पर लाना मेन उद्देश्य था.

फिल्म “झिटकू मिटकी” की कहानी छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की 300 साल पुरानी परंपराओं और प्रथाओं से प्रेरित है. इस फिल्म को बस्तर के इतिहास को लेकर बहुत मेहनत से बनाया गया है. यह बस्तर की सच्ची प्रेम कहानी है, जो हीर रांझा, लैला मजनू से भी अमर है. यह फिल्म 7 फरवरी को पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न सिनेमाघरों में रिलीज होगी : राजा खान, निर्देशक, झिटकू मिटकी फिल्म

बस्तर के कलाकारों को मिला मौका : निर्देशक राजा खान ने बताया कि इस फिल्म में 90 प्रतिशत कलाकार बस्तर के ही हैं और 10 प्रतिशत बाहर के हैं. बस्तर में फिल्म बनाने के लिए कोई कठिनाई का सामना करना नहीं पड़ा. बस्तर के लोग सीधे, व्यवहारिक और सपोर्टिव हैं. यहां के लोग मेहमानों को मेहमान नहीं, बल्कि घर का सदस्य समझते हैं. इसीलिए, फिल्म मेकर्स को बस्तर आकर देखना चाहिए कि बस्तर कितना खूबसूरत और फिल्म मेकिंग के लिए बेहतरीन है.

कहानी तैयार करने किया गया रिसर्च : इस फिल्म की कहानी तैयार करने में दो साल से अधिक का समय लगा. पूरे फिल्म को बनाने में 4 से साढ़े 4 साल लगा है. निर्देशक राजा खान और उनकी टीम ने बस्तर के आदिवासी समुदायों के इतिहास, रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचनाओं पर गहन शोध किया. इस दौरान उन्होंने ऐतिहासिक पात्रों की प्रामाणिकता को सुनिश्चित किया, जो बस्तर की पौराणिक कथाओं में दर्ज हैं.

बस्तर : छत्तीसगढ़ की पारंपरिक संस्कृति और ऐतिहासिक घटनाओं को फिल्मी पर्दे पर लाने के लिए छालीवुड से जुड़े कलाकार लगातार प्रयासरत हैं. इसी कड़ी में फिल्म निर्देशक राजा खान ने “झिटकू मिटकी” की सच्ची घटना पर आधारित फिल्म लेकर आ रहे हैं. यह फिल्म छत्तीसगढ़ की प्राचीन परंपराओं और इतिहास को दुनिया के सामने पेश करने वाली है.

7 फरवरी रिलीज होगी फिल्म : निर्देशक राजा खान की फिल्म “झिटकू मिटकी” 7 फरवरी 2025 को रिलीज होने जा रही है. इसका ट्रेलर 20 दिसंबर 2024 को सिनेमाघरों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जारी किया गया है. फिल्म में झिटकू का किरदार लालजी कोर्राम और मिटकी का किरदार मुंबई की जानी मानी एक्ट्रेस लवली अहमद ने निभाया है.

छत्तीसगढ़ी फिल्म झिटकु मिटकी 7 फरवरी को होगी रीलिज
बस्तर की कहानी को पर्दे पर लाना उद्देश्य : इस फिल्म के निर्देशक राजा खान ने बताया कि फ़िल्म बनाने के पीछे का सबसे महत्वपूर्ण वजह यह है कि बस्तर की कहानी लोगों के सामने आए. झिटकु मिटकी को धन की देवी देवता मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं. इनकी प्रतिमा भेंट स्वरूप अपने रिश्तेदारों और मेहमानों को भी दिया जाता है. ऐसे कहानी को पर्दे पर लाना मेन उद्देश्य था.

फिल्म “झिटकू मिटकी” की कहानी छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र की 300 साल पुरानी परंपराओं और प्रथाओं से प्रेरित है. इस फिल्म को बस्तर के इतिहास को लेकर बहुत मेहनत से बनाया गया है. यह बस्तर की सच्ची प्रेम कहानी है, जो हीर रांझा, लैला मजनू से भी अमर है. यह फिल्म 7 फरवरी को पूरे छत्तीसगढ़ के विभिन्न सिनेमाघरों में रिलीज होगी : राजा खान, निर्देशक, झिटकू मिटकी फिल्म

बस्तर के कलाकारों को मिला मौका : निर्देशक राजा खान ने बताया कि इस फिल्म में 90 प्रतिशत कलाकार बस्तर के ही हैं और 10 प्रतिशत बाहर के हैं. बस्तर में फिल्म बनाने के लिए कोई कठिनाई का सामना करना नहीं पड़ा. बस्तर के लोग सीधे, व्यवहारिक और सपोर्टिव हैं. यहां के लोग मेहमानों को मेहमान नहीं, बल्कि घर का सदस्य समझते हैं. इसीलिए, फिल्म मेकर्स को बस्तर आकर देखना चाहिए कि बस्तर कितना खूबसूरत और फिल्म मेकिंग के लिए बेहतरीन है.

कहानी तैयार करने किया गया रिसर्च : इस फिल्म की कहानी तैयार करने में दो साल से अधिक का समय लगा. पूरे फिल्म को बनाने में 4 से साढ़े 4 साल लगा है. निर्देशक राजा खान और उनकी टीम ने बस्तर के आदिवासी समुदायों के इतिहास, रीति-रिवाजों और सामाजिक संरचनाओं पर गहन शोध किया. इस दौरान उन्होंने ऐतिहासिक पात्रों की प्रामाणिकता को सुनिश्चित किया, जो बस्तर की पौराणिक कथाओं में दर्ज हैं.

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