Uttar Pradesh News आज खरना,कल सात को अस्तचलगामी और आठ को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का होगा समापन
ब्यूरो चीफ सुनील कुमार जायसवाल यूपी
गोरखपुर! श्री हनुमत ज्योतिष सेवा संघ के संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पण्डित बृजेश पाण्डेय के अनुसार आज दिनांक 6 नवम्बर दिन बुधवार को खरना मनाया जायेगा. छठ महापर्व के उत्सव मे कल दिनांक 7 नवम्बर दिन वृहस्पतिवार को व्रती महिलायें निर्जला उपवास रहेंगी. इसी दिन व्रती महिलाएं अस्तचलगामी डूबते हुए सूर्यदेव को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर सूर्यास्त के समय अर्घ्य देंगी.अर्घ्य देने के पश्चात टोकरी से भरे प्रसाद सामग्री को घर लाया जाता है.अगले दिन 8 नवम्बर दिन शुक्रवार को सूर्योदय के समय प्रात: 6 बजकर 32 मिनट पर अर्घ्य देकर माता षष्ठी देवी कि विदाई दी जायेगी.छठी माता को सूर्यदेव की बहन बताया जाता हैं. छठी मईया को संतान की सुरक्षा करने वाली देवी के रुप में भी पूजा जाता रहा है. संतान सुख प्राप्ति के लिए भक्त छठी माईया का पूजन करते हैं.निःसंतान दंपत्ति को जब छठी माता का आशीर्वाद मिलता है तो उनका आंगन भी संतान के सुख से भर जाता है.ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश पाण्डेय ने बताया कि छठ पूजा ज्योतिषीय मान्यताओं के आधार में भी बहुत मजबूती से जुड़ी हुई है,विशेष रूप से सूर्य की शक्ति से इनका संबंध स्पष्ट रुप से देखने को मिलता है.वैदिक ज्योतिष में सूर्य आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है,सूर्य को मान सम्मान,स्वास्थ्य सुख,जीवन शक्ति और समृद्धि प्रदान करने वाला ग्रह माना गया है. मान्यता यह भी है कि सूर्य की पूजा करने से व्यक्ति शारीरिक व मानसिक शांति तथा जीवन में सफलता प्राप्त करता है.
छठ पूजा के समय सूर्य के साथ अपने संबंध को मजबूत करने का अवसर मिलता है,जिससे व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है और जीवन ग्रहों की ऊर्जाओं से संबंध स्थापित करते हुए शुभता को प्राप्त करता है.