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Maharashtra News बच्चियों से दुष्कर्म के आरोपी अक्षय शिंदे के अंतिम संस्कार में हंगामा, गुस्साए लोगों ने पाट दी कब्र

ब्यूरो चीफ गुलज़ार शेख कल्याण महाराष्ट्र

बदलापुर: बदलापुर के एक स्कूल में मासूम बच्चियों से रेप मामले के आरोपी अक्षय शिंदे को आखिरकार उल्हासनगर कब्रिस्तान में दफना दिया गया. उसके लिए पहले एक गड्ढा भी खोदा गया था. लेकिन शिवसेना के शिंदे गुट के लोगों ने उस गड्ढे को भर दिया था. उल्हासनगर के कब्रिस्तान में अक्षय के शव को दफनाने का विरोध हो रहा था. कब्रिस्तान में शिवसैनिकों के उत्पात के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस की एक अतिरिक्त टुकड़ी कब्रिस्तान में घुस गई और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. शिवसैनिकों ने ठान लिया था कि अगर अक्षय शिंदे बदलापुर में रहता था, तो उसे वहीं दफनाया जाए. इस बीच उल्हासनगर कब्रिस्तान में दोबारा गड्ढा खोदने के लिए जेसीबी भी घुस गई.

इस बीच, अक्षय शिंदे के माता-पिता उसके शव को कब्जे में लेने के लिए कलवा अस्पताल पहुंच गए. भारी पुलिस मौजूदगी में अक्षय शिंदे के माता-पिता को मुर्दाघर ले जाया गया. अक्षय शिंदे के शव को जल्द ही दफनाने के लिए भेजा गया. ठाणे के पुलिस जांच अधिकारी और अस्पताल के डॉक्टरों की मौजूदगी में अक्षय शिंदे के शव को बाहर निकाला गया था. कलवा अस्पताल के बाहर भी बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था.

हाईकोर्ट ने दफनाने का आदेश दिया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस को अक्षय शिंदे के शव को सोमवार तक दफनाने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने पुलिस से उसके शव को जल्द से जल्द दफनाने को भी कहा. बदलापुर में स्थानीय लोगों और मनसे ने अक्षय के शव को दफनाने का विरोध किया. अक्षय के शव को तीन जगहों पर दफनाने का विरोध हुआ. इसके बाद जज ने पुलिस को सख्त आदेश जारी किये. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अक्षय शिंदे के शव को सोमवार तक दफनाने के लिए कदम उठाएं. अगर शव दो दिन में दफनाया जाता है, तो सोमवार को अदालत को सूचित करें.

अक्षय शिंदे की लाश को क्यों दफनाया गया?

अगर भविष्य में कोई सबूत मिले तो शव को दोबारा कब्र से निकाला जा सकता है. अक्षय शिंदे के परिवार के लोग न्याय पाना चाहते हैं. इसलिए परिवार को लगता है कि अक्षय के शव को जितना संभव हो सके संरक्षित किया जाना चाहिए. शिंदे परिवार के वकील अमित कटारनवारे ने यह बयान दिया है.

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