Uttar Pradesh News मूल काशी विश्वनाथ की परिक्रमा करने जा रहे शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने रोका, हुई नोंक झोक
रिपोर्टर विवेक सिन्हा वाराणसी उत्तर प्रदेश
वाराणसी। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Swami Avimukteshwarananda)को पुलिस ने सोमवार को केदारघाट (Kedarghat) स्थित श्री विद्यामठ में रोक दिया। जिसके बाद पुलिस और मठ के लोगों के बीच काफी धक्का मुक्की हुई। इस दौरान पुलिस ने श्री विद्या मठ को छावनी में तब्दील कर दिया। दरअसल, शंकराचार्य (Shankaracharya) स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सोमवार को मूल काशी विश्वनाथ मंदिर की परिक्रमा करने का ऐलान किया। इस पर पुलिस प्रशासन उनसे वार्ता कर मनाने में लगा रहा। उनके इस ऐलान के बाद पुलिस प्रशासन (police administration) अलर्ट मोड पर रही और पूरा मठ छावनी में तब्दील हो गया।
दशाश्वमेध एसीपी अवधेश पाण्डेय का कहना है कि स्वामी जी से वार्तालाप की गई है। उनसे अनुरोध किया गया है कि अभी न्यायालय का आदेश नहीं है। संवेदनशीलता बनी हुई है और धारा 144 भी लगी है। इसलिए वह केवल बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन ही करें। इससे पूर्व भी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की पूजा करने की बात कही थी। लेकिन उक्त जगह न्यायालय के आदेश से सील था लिहाजा प्रशासन ने उन्हें पहले ही जाने से मना कर दिया था।
सोमवार को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद जिद पर अड़ गए और मस्जिद की ओर निकलने लगे। ऐसे में पुलिस ने उन्हें उनके मठ के पास ही रोक दिया था। इस बात के विरोध में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद आश्रम में ही अन्न जल त्याग कर अनशन पर बैठ गए थे।
बता दें कि इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कोर्ट में याचिका भी दायर की थी, जिसकी सुनवाई वाराणसी जिला अदालत चल रही है। वहीं सोमवार को पुलिस प्रशासन ने उन्हें केदार मठ में ही रोक दिया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि चारों तरफ से मठ को पुलिस की छावनी बनाकर घेर लिया गया है। इसका हमें कोई भी लिखित कारण नहीं बताया गया, जिस पर हम विचार कर सकें।
वहीँ इस बीच काफी संख्या में जुटे संतों और पुलिस प्रशासन के बीच काफी धक्का मुक्की हुई। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद इस बात पर अड़े रहे कि वह परिक्रमा हेतु जाएंगे। हमारे धर्म के पालन में प्रशासन कैसे रोक सकता है? उन्होंने बताया कि कल शाम में प्रशासन ने आकर उनसे वार्तालाप की थी और उनका यह कहना था कि वहां धारा 144 लागू है। ऐसे में हमने उनसे कहा था कि मात्र दो लोग जाकर वहां पर परिक्रमा करेंगे। इस पर प्रशासन ने अपने उच्च अधिकारियों से वार्ता कर बताने को कहा था।
कहा कि सोमवार को हम मठ से निकलने वाले थे कि उससे पहले ही पुलिस प्रशासन ने हमें रोक दिया और मठ को छावनी बना दिया। काफी धक्का मुक्की के बाद मामला परमिशन को लेकर अटका, अब परमिशन के लिए एप्लीकेशन बनाया जा रहा है