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Gujarat News भीमा कोरेगांव समानता, गरिमा, आत्म-सम्मान और पुष्टि की लड़ाई, भीमा कोरेगांव की लड़ाई 1 जनवरी, 1818 को जाति वर्चस्व, अमानवीय बंधन और गुलामी के खिलाफ महारों द्वारा लड़ा गया युद्ध था।

रिपोर्टर जादव सुभाषभाई गुजरात
जिसमें ब्रिटिश सेना की महार बटालियन से जुड़ी 500 महार सैनिकों की सेना ने पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना को हरा दिया था।
इसमें 20000 घुड़सवार और 8000 पैदल सेना का बल था। महार सैनिकों द्वारा प्रदर्शित वीरता और साहस भारतीय इतिहास में अद्वितीय था, जो दलितों के खिलाफ हजारों वर्षों के जातीय उत्पीड़न के प्रतिरोध और आत्म-सम्मान के लिए संघर्ष की ताकत को दर्शाता है। दलित, शोसिटो और बौद्ध जीआईवी इस घटना को बहुत महत्व देते हैं और महान शहीदों की याद में धूमधाम से मनाएं।