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Uttar Pradesh News मनकापुर(गोंडा) रेलवे अपनी कीमती जमीन को नहीं बचा पा रहा है। आलम यह है कि रेलवे की जमीन पर बोर्ड लगा होने के बाद भी अतिक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। लोगों ने कब्जा कर मकान व दुकान का निर्माण करा लिया।

रिपोर्टर प्रदीप कुमार वर्मा जनपद गोण्डा उत्तर प्रदेश

मसकनवा से मोतीगंज तक रेलवे की जमीन पर रसूखदारों का कब्जा है।
पटरियों से चंद कदम की दूरी पर अतिक्रमण कर रहने वाले लोगों पर कार्रवाई की भूमिका भी बनाई गई। जमीन को चिह्नित कर निशान लगाया, लेकिन अपनी ही जमीन को खाली कराने में रेल प्रशासन बेबस रहा। मसकनवा मनकापुर, टिकरी, नवाबगंज, कटरा , झिलाही, स्टेशनों व रेलवे पटरियों के बगल खाली पड़ी रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर दुकान या मकान बनाकर कब्जा कर लिया गया है। झीलाही रेलवे क्रासिंग के बगल में तक रीबन 900 मीटर तक रेलवे की जमीन पर स्थाई एवं अस्थाई निर्माण हो चुका है। पटरियों से चंद कदम की दूरी पर सब्जी, ठेला व होटल मालिकों ने निर्माण कर लिया।
इसी तरह मोतीगंज रेलवे स्टेशन के फायरिग रेंज से लेकर एक किलोमीटर के दायरे में रेलवे की जमीन पर लोगों ने कब्जा जमा रखा है। नाम न छापने की शर्त पर विभाग से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि मसकनवा क्षेत्र तिराहे के आसपास रेलवे की जमीन पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है।

रेलवे की भूमि पर लगती है बाजार

नवाबगंज व झिलाहि में रेलवे की जमीन पर बाजार लगती है। दिन-प्रतिदिन बढ़ते अतिक्रमण को रोकने में जिम्मेदार नाकाम हैं। जिम्मेदारों के नकारेपन से अन्य खाली पड़ी जमीनों पर भी लोग गिद्ध की तरह नजरें गड़ाए हैं। कई बार अभियान चला खानापूर्ति तक सीमित रहा।
क्या कहते हैं जिम्मेदार -आइओडब्लू ने बताया कि रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण जहां चिह्नित है। समय-समय पर वहां अभियान चलाकर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाता है। कोरोना के चलते अतिक्रमण हटाने को लेकर निर्देश नहीं मिला है। जल्द ही रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
वही सूत्रों की माने तो झीलाही क्रासिंग के बगल लग रही सभी दुकानों से रेलवे पुलिस द्वारा महीने के ठेले वालों से पांच सौ, दुकान वालो से 3हजार रुपए ले कर यह दुकानें लगवा रही हैं रेलवे पुलिस लेकिन रेलवे के आलाधिकारी बेखबर है ।

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