Madhya Pradesh News कृषिविभाग के कुछ खास लोग हैं वही सिर्फ , ट्रैक्टर भर के ले जाते हैं जनता , सिर्फ चक्कर काटती है

ब्यूरो चीफ राजू जोशी महाराज छतरपुर मध्य प्रदेश
छतरपुर:-कृषिविभाग के कुछ खास लोग हैं वही सिर्फ , ट्रैक्टर भर के ले जाते हैं जनता , सिर्फ चक्कर काटती है , यहां की जनता बहुत ही गरी और बेरोजगार है जनता मजबूर है साहूकारों से ,कर्ज लेकर बेचारे गरीब किसानों , मजबूरी में साहूकारों से , ब्याज पर कर्ज लेने को मजबूर हैं यही कारण है , दर्जनों गांव वंचित हैं पत्रकारों की टीम जब ग्रामों का भ्रमण करने पहुंची तू ग्रामीणों द्वारा बताया गया यहां पर ना ही कभी कोई समिति से बकाया है ना ही कृषि विभाग से कोई किट संबंधी एवं प्रदर्शन संबंधी जानकारी प्राप्त नही हो पाती है अभी खरीफ फसल का सीजन चल रहा है
किसान कर्जा लेकर दुकानदारों से मनमानी , कर्ज लेकर कीमतों , पर बीच खरीद , खरीदने को मजबूर हैं वहीी विकास अधिकारी से भी बात कि , इस संबंध में वह गोलमाल जवाब दे रहे हैं और का , कहना था मेरे यहां स्टाफ की कमी है इस कारण हम , हर गांव को सूचित नहीं कर पा रहे हैं ग्रामों में लेकिन कहीं ना कहीं कृषि विकास अधिकारी महोदय के इस रवैया से किसानो को ठगा जा रहा है और जो कर्मचारी हैं वहां पर एस के कुशवाहा उनका रवैया किसनेों के प्रति ठीक नहीं है नाही वह किसनेों को विस्तार पूर्वक जानकारी देते हैं और उनके साथ अपनी अफसर शाही दिखाते हैं जिससे क्षेत्र की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है किसी विभाग के इस रवैया से कई गांव वंचित हैं जैसे पिपरिया बड़ाहर लोहरपुरा भारताला पिपरिया गोपालपुर , शाहगढ ऐसी दर्जनों गांव कृषि विभाग से प्रताड़ित हैं इंटीरियर होने के कारण यहां किसी ने जनता के हिट में नहीं सोचा समस्त करवाई कागजों में कर दी जाती है, कुछ दिन पूर्व में तो कुछ मेहनती समिति सेवक थे जो गांव-गांव जाकर हर तपके को, शासन की योजना का लाभ दिलवाते थी , पूर्व में रहे , समिति रावत जी बहुत ही मेहनती थे, उसके बाद एचडी पाध्याय उनका भी कार्यकाल बहुत ही सराहनीय रहा विभाग में अब कुछ बदतमीज टाइप के लोग हैं ना ही जीने पत्रकारों से बात करने की तमीज है यदि उनसे कोई सवाल या जवाब किया जाए तो, बाय पत्रकारों को भी दमगई दिखाई , और जानकारी देने में आनाकानी करते हैं यदि वरिष्ठ अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं तो फिर जनता का हाल राम भरोसे ही है क्योंकि यहां के ग्रामीण अशिक्षित , एवं सीधे साधे हैं और एक कारण और भी है यहां पर कोई मजदूरी के भी साधन नहीं है इस कारण , उनके पास पैसों की भी तंगी बनी रहती है इस कारण वह बार-बार तहसील नहीं जा सकते सिर्फ उनका एक काम है खेती किसानी और वन उपज पर ही निर्भर हैं, यही कारण है जिसको मौका मिलता है वह शोषण करने में लगा जाते हैं यहां की स्थिति काफी दयानी है