Chhattisgarh News शासकीय उचित मूल्य की दुकान मे अव्यवस्था का आलम व्याप्त है।
रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा विकासखंड के ग्राम पंचायत नरियारा में संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत समूह द्वारा खाद्य सामग्री के वितरण की जाती है जहां अव्यवस्था का आलम विद्यमान है जहां पर खाद्य सामग्री लेने जाने पर ग्राहकों से मानवीयता का परिचय नहीं देते हैं दुकान संचालक। यह की केवाईसी करने के लिए जून माह से चालू है मगर वृंदावन पेट्रोलियम पॉइंट के पास संचालित दुकानदार द्वारा केवाईसी नहीं करना केवाईसी करने के एवज में घर घर जाकर ₹100 ₹50 हजार रुपए तक के लेकर केवाईसी कर रहा है तथा मनमानी कार्य कर रहा है दुकान खुलने का समय रहता है उन समय का पालन नहीं करता है केवाईसी करने के लिए दूसरे दुकानदार के पास में उपभोक्ताओं को भेज देता है और केवाईसी ना कर ग्राहकों को परेशान करते हैं रहता है ।n चावल वजन की तौलाई में 35 किलो चावल नहीं दिया जाता है बल्कि खुद की बोरी में तौल कर ग्राहकों को दिया जाता है प्रति राशन कार्ड पीछे 1 किलो वजन की मार खा जाती है उसी तरह से शक्कर का वितरण किया जाता है तो ₹17 किलो शक्कर का रेट है मगर ₹20 लेकर 1 किलो शक्कर दिया जाता है उसमें भी ₹3 प्रति किलो के हिसाब से काफी पैसे कमा लेते हैं दुकान संचालक द्वारा तथा समय पर राशन वितरण नहीं करते हैं समय से पहले बंद करके चले जाते हैं।
प्रति राशन कार्ड पीछे ₹3 दर के हिसाब से 3000 से ₹5000 कमा लेते हैं एवं अगर शक्कर की वजन की जाए और चावल की वजन की जाए तो मात्रा से बहुत ही कम रहता है एवं उचित मात्रा में नहीं रहती है एवं समय से पहले बंद कर दी जाती है। वर्ष 2022 में मई माह की जो राशन दी गई थी मई और जून की उस राशन में भी कटौती कर दी गई थी राज्य शासन द्वारा आवंटन खाद्यान्न पर कटौती कर राशन वितरण किया गया तथा 2023 के भी खाद्य सामग्री के वितरण में भी कटौती कर दी गई 70 किलो राशन की जगह 50 किलो राशन ही दिया गया 20 किलो राशन को दुकानदारों द्वारा चपत कर दी गई उसी तरह से वर्तमान समय में अपने ही बोरे पर कॉल कर उपभोक्ताओं को राशन वितरण किया जा रहा है जिसमें प्रति राशन कार्ड के हिसाब से अनुमान लगाया जाए तो 1200 राशन कार्ड में 12 सौ किलो चावल को दुकानदारों द्वारा ब्लैक में बेच दी जाती है। खाद्य अधिकारी द्वारा छापे मार की कार्यवाही नहीं की जाती है जो भी अधिकारी आता है यहां बस कमीशन लेकर चला जाता है दोनों की मिलीभगत से यह कार्य चल रहा है बदस्तूर। केवाईसी के नाम से दूसरे दुकान संचालक के पास में वृंदावन पेट्रोलियम पॉइंट वाला जगह वाला दुकानदार भेज देता है कि जाओ वहां पर केवाईसी होगा मेरे यहां मैं केवाईसी नहीं करूंगा बोलता है इसी तरह से ना जाने केवाईसी का कार्यक्रम भी ठप पड़ी हुई है।खाद्य सामग्री के वितरण में भी गड़बड़ी हो रही है इससे उपभोक्ताओं को चला जा रहा है अगर चावल का वजन किया जाता है दुकानों में जाकर तो 35 किलो चावल की जगह 33 किलो चावल उतरता है हर सामग्री में कम वजन रहती है।सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत मिट्टी का तेल का भी वितरण किया जाता है वह यहां पर वितरण नहीं किया जाता है वितरण करने के बजाए मिट्टी तेल को ब्लैक में दूसरी जगह बिक्री कर ग्राहकों को नहीं दिया जाता है जिससे उपभोक्ता परेशान रहते हैं मिट्टी तेल के नाम से ग्राहकों को मिट्टी तेल नहीं मिलने से परेशानी होती है दुकानदार संचालक द्वारा मुनाफा कमाने के लिए अन्यत्र बेच देते हैं मिट्टी तेल को। इसी तरह से ना जाने जांजगीर-चांपा जिले के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जितने भी दुकानदार हैं वह सब मुनाफा कमाने के लिए प्रति राशन कार्ड पीछे वजन के हिसाब से उचित मात्रा में खाद्य सामग्री की वितरण नहीं करते हैं जिसकी वजह से परेशानी होती है जिसकी वजह से उपभोक्ताओं को चला जाता है अधिकारी मालामाल होते रहते हैं दुकानदारों से मिलीभगत कर।