Chhattisgarh News सीसीआई सीमेंट प्लांट से स्क्रैप निकाले जाने में बढ़ती जा रही अनियमितताओं की जांच के लिए कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर छत्तीसगढ़
सन 1994 से बंद पड़ी सीसीआई सीमेंट प्लांट से बीते दिनों स्क्रैप निकाले जाने का टेंडर हुआ था। सीसीआई सीमेंट प्लांट से स्क्रैप निकाले जाने के कार्य में बरती जा रही अनियमितता को लेकर कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश सचिव तनवीर आलम एवं असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शरद शर्मा के द्वारा कलेक्टर ,एसडीएम एवं थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की गई है। तनवीर आलम एवं शरद शर्मा ने बताया कि सीसीआई सीमेंट प्लांट से स्क्रैप निकाले जाने के कार्य में बहुत सी खामियां हैं जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीसीआई सीमेंट प्लांट से स्क्रैप निकाले जाने का टेंडर एमएसटीसी के द्वारा मैसर्स मित्तल आयरन एंड स्टील कंपनी धनपुरी रायपुर को प्राप्त हुआ था। टेंडर प्राप्त करने के पश्चात इस कंपनी के द्वारा स्क्रैप निकालने का कार्य स्वयं ना करके केवल ₹100 के स्टांप पेपर में अनुबंध करके यह कार्य राकेश सिंघानिया एवं सुषमा सिंघानिया के प्रोपराइटरशिप वाले फर्म मैसर्स लोगान मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया। 58 करोड़ के सौदे को केवल ₹100 के स्टांप में सुपुर्द किया जा सकता है क्या? मित्तल आयरन एवं स्टील कंपनी के मालिक सुरेंद्र मित्तल के पास स्क्रैप का इतना बड़ी राशि का कार्य हासिल करने के लिए इतना पैसा कहां से आया से इसकी जांच की जानी चाहिए। बताया जा रहा है कि स्क्रैप निकाले जाने के कार्य के दौरान विगत तीन-चार महीने के अंदर प्लांट के अंदर पांच छह लोगों की मौत हो चुकी है जिसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को न देकर कंपनी के द्वारा अवैधानिक कार्य किया गया है। कंपनी के द्वारा स्क्रैप स्क्रैप निकालने के कार्य के लिए स्थानीय मजदूरों को न लेकर बिहार झारखंड के मजदूरों को बुलाया गया है, जबकि लोकल एवं आसपास के मजदूर कार्य मांगने के लिए जाते हैं तो इन्हें डरा धमका कर भगा दिया जाता है। इन मजदूरों का ना तो बीमा कराया गया है और ना ही पीएफ काटा जा रहा है। झारखंड एवं बिहार से 200 से 300 मजदूरों को यहां बुलाया गया है लेकिन इन मजदूरों का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया है। परमिट एवं वैध कागजात नहीं होने के चलते सीसीआई से स्क्रैप भरी गाड़ियां रात में ही निकाली जाती है। सीसीआई सीमेंट प्लांट का नगर पालिका में संपत्ति वह समेकित कर सहित बिजली विभाग में कई करोड़ का बिजली बिल बकाया है इसके बावजूद यहां से अवैधानिक रूप से स्क्रैप निकालने का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर को उक्त बिंदुओं पर ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की गई है।

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