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*बाजरा की कटी पड़ी फसल में बारिश का खेत में भारा पानी*

महेवा

विकासखंड क्षेत्र के कस्बा एवं ग्रामीण अंचलों में बे मौसम बारिश से खेतों में पानी भर गया है ऐसे में धान की पकी फसल खेतों में बिछी पड़ी है

खेतों में भर बारिश का पानी फसल हुई खराब

खेतों में कटी फसल भीग गई है खेत में पड़ी फसल देखकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई है। किसानों का कहना है कि ढेर भीग जाने से दानों के सड़ने का खतरा बढ़ गया है। इस समय क्षेत्र में धान व बाजरा की कटाई का कार्य चल रहा है हालाकि बाजरा की अधिकांश कटाई हो चुकी है।

अधिकांश किसानों की फसल पककर खेतों में खड़ी है।सोमवार से हुए मौसम में बदलाव से पकी खड़ी धान की फसल खेतों में बिछ गई जो फसल खेतों में कटी हुई पड़ी थी वह भीगकर खेतों में बिखर गई। कई किसानों ने हार्वेस्टर कराकर अपने घरों के बाहर धान के ढेर लगवा लिए थे।

वह भी बारिश से भीग गए किसानों ने बताया कि इस बारिस से केवल उन्हीं किसानों की थोड़ी बहुत राहत मिली है जिनके खेत समय से जुतायी ना होने के कारण खराब पड़े थे ऐसे किसान खेतों की सिंचाई की तैयारी कर रहे थे लेकिन अब उन्हें सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी महेवा क्षेत्र में बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है।

खेत में पड़ी धान की पकी फसल देख किसान भगवान से मेहनत से तैयार की गई फसल को बर्बाद होने से बचाने की प्रार्थना की प्रार्थना कर रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर अक्षय कुमार का कहना है की बाजरा की फसल लगभग कट चुकी है। धान की फसल खेत में पड़ी हुई है जिसमें नुकसान की संभावना है जो खेत ऊंचाई पर है उनको लाभ है।

गेहूं की बुवाई में देरी: बारिश होने से एक ओर जहां पकी फसलों को नुकसान है वहीं गेहूं की बुवाई में भी देरी हो जाएगी। किसानों नेता पंडित वेद प्रकाश त्रिपाठी व बबलू तिवारी निवासी बहेड़ा ने बताया कि खेतों में पहले से ही पर्याप्त नमी थी बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया जिससे खेत तैयार होने में अधिक समय लगेगा अधिक पानी के कारण बुवाई का समय आगे बढ़ जाएगा कई किसानों ने पिछले सप्ताह से ही फसल की कटाई शुरू कर दी थी लेकिन बारिश ने उनके खेतों में भी काम रुकवा दिया।

Etawah Uttar Pradesh News @ Bureau Chief Sagar Kumar

Indian Crime News

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