धनबाद नगर निगम का बड़ा कदम: संपत्ति-डेटा 1.0 से 2.0 में माइग्रेशन — नक्शों की चूक पर टैक्स चोरी रोकने की तैयारी

👉21 सितंबर तक रुकेंगे टैक्स भुगतान के ऑनलाइन-ऑफलाइन चैनल — नक्शा-वास्तविकता मिलान से होल्डिंग टैक्स में पारदर्शिता”
धनबाद17 सितंबर — धनबाद नगर निगम ने संपत्ति कर और भवन योजना से जुड़ा सारा डाटा स्टेट डेटा सेंटर वर्जन 1.0 से 2.0 में माइग्रेट करने का निर्णय लिया है। नगर विकास विभाग ने नगर निगम, जैप-आईटी और संबंधित सॉफ्टवेयर कंपनी को यह काम पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। माइग्रेशन की समय सीमा 21 सितंबर रखी गयी है — इस दौरान (माइग्रेशन अवधि) पानी, होल्डिंग टैक्स सहित किसी भी प्रकार का कर न तो ऑनलाइन और न ही ऑफलाइन जमा किया जा सकेगा। निगम का कहना है कि 22 सितंबर से फिर से टैक्स भुगतान शुरू कर दिया जाएगा।
👉क्या बदलेगा — प्रमुख बिंदु
नया सिस्टम स्टेट डेटा सेंटर 2.0 में नक्शों और रियल एस्टेट रिकॉर्ड्स का बेहतर मिलान करेगा।
निगम का लक्ष्य नक्शे में हो रही गड़बड़ियों को पकड़कर टैक्स चोरी रोकना है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार करीब 40 हजार से अधिक मकान मालिक संपत्ति कर का भुगतान नहीं कर रहे हैं; वहीं 2018 से अब तक 2,000 से ज़्यादा नक्शे पास हुए जिनमें जमीन/निर्माण के वास्तविक आयामों और पास किए गए नक्शे में बड़ा अंतर पाया गया है। (उदाहरण के तौर पर: असल जमीन 3,600 वर्गफुट जबकि पास कराया गया नक्शा 1,440 वर्गफुट)।
माइग्रेशन के दौरान कर भुगतान बंद होने पर नगर निगम ने जनता को असुविधा के प्रति पहले ही अलर्ट कर दिया है।
👉निगम की मंशा और प्रभाव
नगर निगम का दावा है कि संशोधित सिस्टम से नक्शे-वास्तविकता (map-to-reality) की जाँच स्वचालित तरीके से होगी — इससे नक्शे में जानबूझ कर कमी दर्शाकर होल्डिंग टैक्स कम दिखाने वाले निर्धारकों का पता चल सकेगा। यदि यह प्रक्रिया प्रभावी रही तो नगरपालिका राजस्व में सुधार और कर-अनुपालन बढ़ने की संभावना है। दूसरी तरफ़, नगर के कई मकान मालिकों और रियल-एस्टेट डेवलपर्स को प्रारम्भिक दहशत और असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, खासकर वे जिनके पुराने नक्शे अपडेट नहीं हुए हैं।
👉नागरिकों के लिए क्या करना जरूरी है
1. जिनके पास नक्शे/भवन योजना में पुराने या अपूर्ण रिकॉर्ड हैं — वे संबंधित विभाग से संपर्क कर समय से पहले अपना डाक्यूमेंटेशन अपडेट कर लें।
2. 21 सितंबर तक किसी भी प्रकार का कर भुगतान प्लान कर रहे हों तो 22 सितंबर के बाद ही भुगतान कराने की व्यवस्था करें।
3. यदि किसी को लगता है कि माइग्रेशन के दौरान उनका डेटा गलत रूप में बदला गया है, तो नगर निगम के हेल्प-डेस्क पर लिखित शिकायत दर्ज कराएँ।


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