Uttar Pradesh News : विषय प्रतियोगिता परीक्षाओं में अनियमितताओं निजी एजेंसियों की लापरवाही और छात्रों विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा से संबंधित गंभीर चिंताओं के संबंध में।

रिपोर्टर रफी उल्लाह खान रामपुर उत्तर प्रदेश
सविनय निवेदन है कि हाल ही में आयोजित प्रतियोगिता परीक्षाओं में व्याप्त अनियमितताओं, निजी एजेंसियों की गंभीर लापरवाही और विशेष रूप से छात्राओं की सुरक्षा से संबंधित घटनाओं ने देश भर के लाखों अभ्यर्थियों में आक्रोश असंतोष और अविश्वास की भावना उत्पन्न की है। ये घटनाएं न केवल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं बल्कि देश के युवाओं के भविष्य और प्रशासनिक जवाबदेही को भी गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं।प्रमुख समस्याएं परीक्षा आयोजन में अव्यवस्था कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में बार-बार विलंब और अव्यवस्थित प्रबंधन के कारण अभ्यर्थियों को मानसिक तनाव और अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर कुंजी में त्रुटियां जारी उत्तर कुंजियों में बार-बार त्रुटियां पाई गई हैं, जिससे अभ्यर्थियों में असमंजस और निराशा बढ़ी है।पारदर्शिता का अभाव: परीक्षा परिणामों और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी के कारण निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।
छात्राओं की सुरक्षा पर खतरा: कई परीक्षा केंद्रों पर छात्राओं को रात 10 बजे तक अनावश्यक रूप से रोका गया जो प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है और उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। पुलिस का अमानवीय व्यवहार: जब छात्राओं ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी समस्याएं उठाने का प्रयास किया तो उनके साथ पुलिस द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया, जो अत्यंत निंदनीय है। मांगें प्रतियोगिता परीक्षाओं की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता उत्तरदायित्व, और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए। त्रुटिपूर्ण उत्तर कुंजियों का तत्काल संशोधन कर निष्पक्ष और सटीक परिणाम घोषित किए जाएं। परीक्षा केंद्रों पर विशेषकर छात्राओं की सुरक्षा के लिए, पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की जाए और रात में अनावश्यक रूप से परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। छात्राओं की सुरक्षा से संबंधित घटनाओं की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए तथा दोषी व्यक्तियों एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। निवेदन महामहिम आपसे विनम्र अनुरोध है कि इस गंभीर मुद्दे पर तत्काल संज्ञान लेकर उचित और प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि अभ्यर्थियों का विश्वास बहाल हो और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। यह कदम न केवल छात्रों के हित में होगा बल्कि देश की प्रशासनिक व्यवस्था की गरिमा और विश्वसनीयता को भी सुदृढ़ करेगा।


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