Chhattisgarh New : प्रतिबंध के बावजूद डीजे साउंड पर कलेक्टर द्वारा आदेश जारी किया गया।

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
उच्च न्यायालय के द्वारा राज्य शासन को यह आदेश जारी किया गया था की डीजे साउंड पर प्रतिबंध लगाया जाए पूर्ण रूप से मगर हाई कोर्ट के आदेशों की अवहेला कर नियमों को शिथिल कर दिया गया छत्तीसगढ़ राज्य के कलेक्टर छत्तीसगढ़ राज्य के एसडीएम छत्तीसगढ़ राज्य के तहसीलदार एवं नाय ब तहसीलदार के द्वारा अनुमति देकर डीजे संचालकों से डीजे साउंड सिस्टम बजवाया गया कई जगह डीजे साउंड सिस्टम से व्यक्तियों की जान चली गई लड़ाई झगड़ा हुआ मारपीट हुआ मगर मौन व्रत धारण कर पुलिस विभाग चुपचाप बैठी है क्योंकि छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का आदेश है किसी भी प्रकार की डीजे साउंड सिस्टम धूमाल सिस्टम पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी करना था मगर सारे नियमों को राज्य शासन द्वारा पानी में मिला दिया गया है। कई ऐसे ही स्थान पर डीजे साउंड सिस्टम से गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया गया मगर उन स्थानों को अनुमति एसडीएम के द्वारा जल्दी जारी कर दिया गया था और नियम विरुद्ध छत्तीसगढ़ शासन के एसडीएम के द्वारा ऐसा कार्य किया गया कई ऐसी गाड़ियां थी जिस पर डीजे साउंड बजा और गाड़ी सहित था पुलिस वालों को जब फोन किया गया की धुमाल पार्टी है। सील बंद करने के लिए मगर पुलिस विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं किया गया इसके बावजूद भी कई जगह दुर्घटना हुई है कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय से सबसे बड़ा न्यायालय राज्य शासन अपने आप को मानता है जहां पर की नियमों को कागजों में ही बंद करके रखा गया है उसका परिपालन नहीं किया गया। गणेश विसर्जन के दौरान किसी भी प्रकार की पुलिस व्यवस्था नहीं थी पुलिस व्यवस्था नाम मात्र के लिए किया गया था सारे पुलिस की व्यवस्था को केवल छत्तीसगढ़ सरकार अपने सुरक्षा के लिए रखा रहता है ना की जनता की सुरक्षा के लिए आज ऐसी स्थिति है कि छत्तीसगढ़ में किसी भी प्रकार की घटना घटी जाती है पुलिस को सूचना दी जाती है मगर पुलिस संबंधित घटना क्षेत्र में तत्काल उपस्थित नहीं होती जिसके कारण चक्का जाम जैसी बड़ी अनहोनी कार्य को करने के लिए जनता मजबूर हो जाती है।पूरे राज्य में ऐसा होना चाहिए कि छत्तीसगढ़ के न्यायालय को बंद कर देना चाहिए केवल व्यवस्थापिका के अंतर्गत राज्य शासन अपनी कार्यवाही करें न्यायालय को बंद करें न्यायालय के आदेशों की अपमान किया जा रहा है राज्य सरकार बोलता है कि न्यायालय का आदेशों का हम पालन करेंगे मगर न्यायालय के आदेशों की पालन नहीं किया जाता बल्कि उन आदेशों को मंत्रालय के बड़े अधिकारी कर्मचारी आदेश की कागज को चाय बनाकर पी जाते हैं। इस समाचार के माध्यम से न्यायालय को यह अनुरोध है कि आगामी दशहरा पर्व के पहले राज्य शासन के कर्मचारी उच्च अधिकारी मंत्रालय स्तर के कर्मचारी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में आदेश जारी करें और यह करें कि जितने भी डीजे संचालक है उन सभी को लिस्ट को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पटल पर रखे और डीजे संचालक को सीधा हाई कोर्ट में ही उपस्थित कराकर डीजे साउंड सिस्टम को हाई कोर्ट में जमा करने का आदेश जारी करें जिससे अप्रिय घटना नहीं होगी क्योंकि डीजे वाला की पावर सबसे ज्यादा हो गई है हाई कोर्ट की पावर से सबसे ज्यादा।