Uttar Pradesh News : हमारा शरीर खुद एक डॉक्टर होता हैं। हर आने वाली बीमारी या शरीर में होने वाले परिवर्तन को वो खुद बता देता हैं

रिपोर्टर गौरव सक्सैना फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश
हर आने वाली बीमारी या शरीर में होने वाले परिवर्तन को वो खुद बता देता हैं लेकिन हम शरीर के इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं। अगर हम अपने शरीर के इन संकेतों को वक्त रहते समझ जाएं तो बहुत सी बीमारियों का सही समय पर इलाज करा सकते हैं। जैसे कुछ के बारे में हम यहाँ जानकारी दे रहे है जीभ पर सफेद या भूरे रंग का मैल जमना पेट की खराबी को बताता है। निमोनिया, प्लूरिसी आदि रोग में नाक के नथुने तेजी से फड़कते हैं। अधिक थकावट या पुराने कब्ज में आखों के नीचे कालापन आ जाता है। कमजोरी, खून की कमी, ल्यूकोरिया (श्वेत-प्रदर) आदि में आंखों के चारों तरफ कालापन आ जाता है। किडनी के कार्य में रुकावट आने पर आंखों के नीचे सूजन आ जाती है। बुखार आने पर होठों के कोने पर सफेद छाले हो जाते हैं। पीरियड्स कम आने पर गालों पर झाइयां हो जाती हैं। फेफड़ों (lungs) में इन्फेक्शन होने पर गाल लाल हो जाते हैं। टायफाइड में शाम को शरीर का तापमान एक डिग्री बढ़ जाता है। पेट में कीड़े होने पर बच्चे सोते समय दांत किटकिटाते हैं या सोते समय बिस्तर पर यूरिन कर देते हैं। पेट में कीड़े होने पर बच्चों को नाक और मलद्वार में खुजली होती है। तिल्ली बढ़ने पर जीभ का रंग सफेद हो जाता है। आंतों और पेट के रोग में जीभ पर छाले या घाव हो जाते हैं। पेट में कीड़े होने पर चेहरे पर हल्के सफेद रंग के धब्बे हो जाते हैं। लो ब्लडप्रेशर और खून की कमी होने पर आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है। महिलाओं में यूट्रस (बच्चेदानी) में रोग होने पर हाथ की उंगलियों के पीछे कालापन आ जाता है। अधिक वीर्यनाश से गाल पिचक जाते है। पेट के रोग या किसी लंबी बीमारी में होंठ फटने लगते हैं। हाइपोथायरॉइडिज्म (थाइरॉइड ग्लैंड का हरमोन कम निकलना) में गले में सूजन आ जाती है। यदि आप बड़ी बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने शरीर के छोटे से छोटे परिवर्तन को भी अनदेखा न करें। तुरंत अपने सलाहकार या अपने आयुर्वेदिक डॉ से संपर्क करे और ट्रीटमेंट लीजिये दूसरी जानकारी अदरक के बारे मे पढ़े अदरक को आयुर्वेदिक महा-औषधि के रूप में जाना जाता है। कई वैज्ञानिक शोध इस बात की पुष्टि भी करते हैं। अदरक में शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। ताजा अदरक में 81% पानी, 2.5% प्रोटीन, 1% वसा, 2.5% रेशे और 13% कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। अदरक में आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, क्लोरीन व विटामिन सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अदरक को ताजा और सूखा दोनों प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। अदरक एक मजबूत एंटीवायरल भी है। अदरक खाने के फायदे त्वचा के लिए अदरक का सेवन करने से त्वचा आकर्षित और चमकदार होती है। सुबह-सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ अदरक का टुकडा खाइए। इससे आपकी त्वचा में निखार आएगा और आप जवां दिखेंगे। खांसी के लिए खांसी में अदरक बहुत फायदेमंद होता है। खांसी आने पर अदरक के छोटे टुकडे को बराबर मात्रा में शहद के साथ गर्म करके दिन में दो बार सेवन कीजिए। इससे खांसी आना बंद हो जाएगा और गले की खराश भी समाप्त होगी। अगर भूख लगने में दिक्कत हो रही हो तो अदरक का नियमित सेवन करने से भूख न लगने की समस्या का निजात मिल जाएगा। अदरक को बारीक काटकर, थोडा सा नमक लगाकर दिन में एक बार लगातार आठ दिन तक खाइए। इससे पेट साफ होगा और ज्यादा भूख लगेगी। हाजमे के लिए पेट और कब्ज की समस्या के लिए अदरक बहुत फायदेमंद है। अदरक को अजवाइन और नींबू के रस के साथ थोडा सा नमक मिलाकर खाइए। इससे पेट का दर्द ठीक होगा और खट्टी-मीठी डकार आना बंद हो जाएगी। उल्टी के लिए अगर बार-बार उल्टी आ रही हो तो अदरक को प्याज के रस के साथ दो चम्मच पिला दीजिए। इससे उल्टी आना बंद हो जाएगी।सर्दी और जुकाम सर्दी और जुकाम में अदरक बहुत फायदेमंद है। सर्दी होने पर अदरक की चाय पीने से फायदा होता है। इसके अलावा अदरक के रस को शहद में मिलाकर गर्म करके पीने से फायदा होता है।कैंसर के लिए अदरक में कोलेस्ट्राल का स्तर कम करने, खून का थक्का जमने से रोकने, एंटी फंगल और कैंसर के प्रति प्रतिरोधी होने के गुण भी पाए जाते हैं। अन्य बीमारियां अदरक को दवा के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। अदरक का सेवन करने से गठिया, अर्थराइटिस, साइटिका, गर्दन और रीढ की हड्डियों के रोग (सर्वाइकल स्पांसडिलाइटिस) के इलाज में किया जा सकता है। अदरक महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में भी मददगार होता है। अदरक के अन्य फायदे अदरक खाने से मुंह के हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। अदरक का कोलेस्ट्रोल को भी कंट्रोल करता है जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। अदरक का प्रयोग करने से शरीर में खून के थक्के नहीं जमते। अदरक का रस और पानी बराबर मात्रा में पीने से दिल सम्बंधित बीमारियां नहीं होतीं। अदरक की तासीर गर्म होती है। गर्मी के मौसम में अदरक का सेवन नहीं करना चाहिए और यदि आवश्यकता हो तो कम से कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। अगर आपको किसी बीमारी का इलाज करवाना हो तो आप बीमारी के बारे में बताकर या परेशानी के बारे मे बता कर आयुर्वेदिक औषधियां मंगवा सकते हैं। किसी भी जानकारी के लिए या ट्रीटमेंट के लिए आप पहले हमें अपनी प्रॉब्लम व्हाट्सप्प कर दीजिये समय मिलते ही आपको जवाब दिया जायेगा