पूजा में शामिल होने के लिए 18 साल की लड़की ने उठाया ये कदम, हो गई मौत, पीरियड्स में…
पूजा में शामिल होने के लिए 18 साल की लड़की ने उठाया ये कदम, हो गई मौत, पीरियड्स में...

Period Delay Pills: कर्नाटक से आई इस खबर ने सबको झकझोर दिया है। घर में पूजा थी, माहौल पवित्र बनाए रखने की सोच थी, लेकिन इसके लिए 18 साल की एक लड़की ने जो कदम उठाया, उसने उसकी जान ही ले ली। युवती ने पीरियड रोकने के लिए हार्मोनल दवाएं खाईं और उसकी वजह से उसे ‘डीप वेन थ्रोम्बोसिस’ (Deep Vein Thrombosis) नाम की गंभीर बीमारी हो गई। आधी रात को उसकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने पर उसकी मौत हो गई।
Period Delay Pills: पैर में दर्द और सूजन से शुरू हुई परेशानी वैस्कुलर सर्जन डॉ. विवेकानंद ने अपने पॉडकास्ट Rebooting the Brain में इस घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि युवती अपने दोस्तों के साथ क्लिनिक आई थी। उसके पैर और जांघ में तेज दर्द और सूजन थी, साथ ही वह बेचैनी महसूस कर रही थी। जब डॉक्टर ने पूछा कि ये समस्या कब से है, तो लड़की ने बताया कि घर में पूजा के चलते उसने पीरियड रोकने के लिए हार्मोनल गोलियां ली थीं। जांच में पता चला कि उसकी नसों में खून का थक्का (Blood Clot) बन गया है, जो नाभि तक फैल चुका था। यह Deep Vein Thrombosis (DVT) की गंभीर स्थिति थी।
डॉक्टर की चेतावनी, लेकिन पिता ने टाल दिया इलाज
डॉ. विवेकानंद ने लड़की के पिता को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। उन्होंने साफ कहा कि यह मामला बेहद खतरनाक है और देर करना जानलेवा साबित हो सकता है। लेकिन पिता ने कहा कि अगले दिन मां के साथ बेटी को लेकर आएंगे। यह लापरवाही जानलेवा साबित हुई।
आधी रात में बिगड़ी तबीयत, जान नहीं बच पाई
डॉक्टर ने बताया कि उसी रात करीब 2 बजे उन्हें फोन आया कि लड़की की तबीयत अचानक बिगड़ गई है। उसे इमरजेंसी वार्ड में लाया गया, लेकिन उसकी सांसें रुक रही थीं। डॉक्टरों की टीम ने भरसक कोशिश की, लेकिन देर हो चुकी थी। थोड़ी ही देर में लड़की की मौत हो गई।
क्या होता है डीप वेन थ्रोम्बोसिस?
डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) एक बेहद खतरनाक मेडिकल कंडीशन है। इसमें शरीर की गहरी नसों, खासकर पैरों में, खून का थक्का (Blood Clot) बन जाता है। अगर यह थक्का टूटकर फेफड़ों या दिल तक पहुंच जाए, तो मरीज की जान कुछ ही मिनटों में चली जाती है। लंबे समय तक बैठने, सर्जरी, या हार्मोनल दवाओं के सेवन से यह खतरा और बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हॉर्मोनल मेडिसिन कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए। खासकर पीरियड रोकने वाली दवाएं शरीर में अचानक बदलाव करती हैं और खून के थक्के बनने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसीलिए डॉक्टरों की सलाह के बिना इनका इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है। यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी है कि धार्मिक या सामाजिक कारणों से स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। पूजा तो फिर भी हो जाएगी, लेकिन एक जिंदगी लौटकर नहीं आएगी।