Haryana News : मेघोतहाला में 63 वर्ष पूर्व अलाट किए वैद्य प्लाटों को अतिक्रमण बताकर लो.नि.विभाग कर रहा तानाशाही 1962 में चकबंदी के दौरान मेघोतहाला में अनुसूचित जाति के 18 लोगों को राजस्व विभाग से पैमाईश करके दिए गए थे कब्जे
गरीबों को मुफ्त प्लाट देने की हरियाणा सरकार की योजना हो रही विफल

ब्यूरो चीफ सतीश नारनौल हरियाणा
हरियाणा सरकार द्वारा 1962 में चकबंदी के दौरान मेघोतहाला के अनुसूचित जाति समाज को अलाट किए गए वैद्य प्लाटों को लोक निर्माण विभाग, भवन एवं सड़क, नारनौल द्वारा अतिक्रमण बताने के मामले में सर्व अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के तत्वावधान में समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान की अध्यक्षता में विभिन्न संगठनों की आक्रोश बैठक का आयोजन किया गया और बैठक में सभी संगठनों द्वारा लोक निर्माण विभाग नारनौल की इस अव्यवहारिक कार्यशैली की घोर निंदा की गई और सभी संगठनों ने सामूहिक हस्ताक्षरयुक्त पत्र मुख्यमंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव, महानिदेशक, उपायुक्त व कार्यकारी अभियंता को पत्र लिखकर मांग की है कि इन बेकसूर पीड़ितों के साथ तानाशाही का व्यवहार ना करते हुए इनकी पक्की तामीर यथावत रखी जाए। बैठक का संचालन करते हुए समिति के महासचिव एवं कबीर सामाजिक उत्थान संस्था, दिल्ली के वाईस चेयरमैन बिरदी चंद गोठवाल ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 1962 में चकबंदी के मसावती कमेटी द्वारा सभी 18 पात्र पाए गए लोगों को 5-5 मरले के प्लाट अलाट करने बारे गांव की चकबंदी की कार्यवाही पुस्तिका में अंकित होने के बाद सभी की राजस्व विभाग से पैमाइश करके प्लाट अलाट किए गए थे और 1962 से अब तक इन प्लाटों पर पुख्ता मकान बनाकर सभी लाभार्थी तीन पीढ़ियों से काबिज चले आ रहे हैं । सभी काबिज लोगों के पास पटवारी से हस्ताक्षरयुक्त प्लाट की कॉपियां और नकल जमाबंदी आदि दस्तावेज मौजूद हैं । समिति के प्रधान चन्दन सिंह जालवान ने कहा कि यह विडंबना का विषय है कि राजस्व विभाग से संबंधित समस्त साक्ष्य होने के बावजूद लोक निर्माण विभाग, नारनौल द्वारा इन प्लाटों पर अतिक्रमण दिखाकर बार बार नोटिस देना एक तानाशाही को उजागर करता है, जो न्यायसंगत नहीं है । लोक निर्माण विभाग द्वारा इन 18 लोगों में से रोड़ के साथ लगते केवल रोहतास पुत्र रामनारायण और महावीर पुत्र बीरबल को अतिक्रमण हटाने के लिए बार-बार नोटिस देना कानूनन गलत और निराधार है । इस संबंध में पीड़ित बार-बार उपायुक्त महोदय से उनके खुला दरबार में लिखित व मौखिक रूप से और विभाग के कार्यकारी अभियंता, उपमंडल अभियंता, जेई व सरपंच से लिखित व व्यक्तिगत रूप में सबूतों सहित प्रार्थना कर चुके हैं, परंतु इन पीड़ितों की सुनवाई करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है । अतः लोक निर्माण विभाग अपनी तानाशाही बंद करें। इस अवसर पर गुरु रविदास महासभा के प्रधान बलबीर सिंह बबेरवाल, अखिल भारतीय आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष लालाराम नाहर, महर्षि वाल्मीकि समाज के राजेश चांवरिया, धानक समाज के प्रमुख समाजसेवी शिवनारायण मोरवाल , भारतीय सामाजिक परिवर्तन संघ के सुमेर सिंह गोठवाल, खण्ड नारनौल के प्रधान सुरेश नारनोलिया, नांगल चौधरी के प्रधान रोहतास बबेरवाल, हरियाणा गुरु रविदास एवं अंबेडकर सभा के प्रदेश लेखा सचिव रामकुमार ढ़ैणवाल, वरिष्ठ प्रबंधक जयपाल सिंह व प्यारेलाल चवन, राजेंद्र सिंह जलवान, सूबे सिंह गोठवाल, कानूनी सलाहकार एडवोकेट भीम सिंह दहिया, अमरनाथ सिरोहा, गूगन राम सिरोहा, ताराचंद, हरिराम सिरोहा, प्रवीण प्रजापति, रामचंद्र सैनी, धानक समाज के पूर्व डीजीएम महेंद्र खन्ना, सैनी समाज के प्रमुख समाजसेवी किशोरीलाल सैनी, रोहतास सिंह, महावीर प्रसाद, प्रिंस कुमार राकेश कुमार, हजारीलाल खटावला आदि सदस्य उपस्थित रहे।