Rajasthan News : ब्रह्माकुमारीज़ के ज्ञान की एक लाइन ने मेरा जीवन बदल दिया: कुलदीप सिंघानिया
सुप्रसिद्ध सोशल मीडिया एन्फलुएंसर सिंघालिया बोले- मैंने जीवन में कभी भी मूल्य और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया

रिपोर्टर अनीश मेमन सिरोही राजस्थान
मुख्य अतिथि के रूप में जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी रहीं मौजूद चार दिवसीय सोशल मीडिया एन्फलुएंसर रिट्रीट का शुभारंभ
देशभर से एन्फलुएंसर पहुंचे भाग लेने समाज को बदलने में डिजिटल मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजन
आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोेबल ऑडिटोरियम में चार दिवसीय सोशल मीडिया एन्फलुएंसर रिट्रीट का शुभारंभ किया गया। इसमें देशभर से 350 से अधिक एन्फलुएंसर भाग ले रहे हैं। समाज को बदलने में डिजिटल मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित रिट्रीट के शुभारंभ पर मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध सोशल मीडिया एन्फलुएंसर, एक्टर व मॉडल कुलदीप सिंघानिया ने कहा कि जब जीवन में संघर्ष और तनाव के दौर से गुजर रहा था, ऐसे में ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी की क्लासेस से आगे बढ़ने, तनाव से बाहर निकलने और सकारात्मक चिंतन की प्रेरणा मिली। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के आध्यात्मिक ज्ञान की एक लाइन से आपका जीवन कैसे बदल सकता है, इसका उदाहरण मैं खुद हूं। मैं पिछले 14 साल से इस आध्यात्मिक ज्ञान को सुन रहा हूं। मैं जब मुंबई गया तो कुछ वर्ष संघर्षपूर्ण रहे।
सिंघानिया ने कहा कि करीब 15 साल पहले मुझे एक फिल्म के लिए 25 लाख रुपए का ऑफर मिला था। उस फिल्म में मुझे स्मोक करने (नशे) का सीन करना था। जबकि मैंने अपने जीवन में कभी भी सिगरेट, शराब, गुटखा का सेवन नहीं किया है। उस समय मैं ब्रह्माकुमारीज़ के मुंबई सेवाकेंद्र के संपर्क में था। मैंने वहां ब्रह्माकुमारी दीदी को फिल्म के ऑफर के बारे में बताया और उनका मार्गदर्शन लिया तो उन्होंने कहा कि कुलदीप आप पैसे तो जीवन में आगे भी कमा लोगे, लेकिन जो सिद्धांत, मूल्य एक बार छूट जाएंगे उन्हें कैसे वापिस लाओगे। यह बात मेरे अंतर्मन में समां गई। दीदी की प्रेरणा से मैंने अपने जीवन में मूल्यों और सिद्धांतों को चुना और फिल्म का ऑफर ठुकरा दिया। मैंने ऐसे समय में 25 लाख रुपये का ऑफर ठुकराया था, जब मेरे जीवन में एक-एक रुपये की अहमियत थी। दीदी की उस एक लाइन ने मेरे जीवन की दिशा बदल दी। तब से मैंने संकल्प किया है कि जिस काम से हमारे मूल्य खत्म होते हैं, मुझे ऐसी कमाई नहीं चाहिए। मेरे लिए मूल्य और सिद्धांत सबसे ऊपर हैं। इस दुनिया को बेहतर बनाना और सेवा करना ही मेरे जीवन का संकल्प है। मैंने पैसे के साथ दुआएं और ब्लेसिंग भी कमाई हैं।
ऐसा कंटेंट बनाएं जिससे समाज को प्रेरणा, दिशा मिले: कलेक्टर
मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर अल्पा चौधरी ने कहा कि सोशल मीडिया एन्फलुएंसर के ऊपर समाज की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। आप समाज को जो दिखाते हैं, उससे समाज में बड़ा प्रभाव पड़ता है। आप सभी की जिम्मेदारी है कि ऐसा कंटेंट बनाएं जिससे समाज को प्रेरणा, दिशा और सकारात्मकता मिल सके। यहां चार दिन तक आप जो आध्यात्मिक ज्ञान लेंगे, उसे अपनी लाइफ और कंटेंट में जरूर शामिल करें। आध्यात्मिकता से जीवन में आंतरिक बदलाव आता है।
सबसे पहले खुद की पहचान जरूरी है-
ब्रह्माकुमारीज़ की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि आज हमारे पास पूरी दुनिया का ज्ञान है लेकिन खुद की ही वास्तविक पहचान नहीं है। मैं एक आत्मा हूं, इसे भूलने से हम अपने दैवी संस्कार भूल गए हैं। राजयोग मेडिटेशन से हमारी आत्मा की शक्ति बढ़ती है। राजयोग से हम खुद को बेहतर तरीके से पहचान पाते हैं। जब आपका जीवन आध्यात्मिक होगा तो आपके द्वारा क्रिएट कंटेंट भी स्प्रीचुअल होगा।
हमारा काम समाज में चेतना लाना भी है-
माउंट आबू एसडीएम आईएएस डॉ. अंशु प्रिया ने कहा कि पिछले 10 से 15 साल से सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ा बदलाव आया है। हमारा काम सिर्फ एन्फलुएंस करना नहीं है, समाज में चेतना लाना भी है। अध्यात्म से हमारी आंतरिक जागृति होती है। यहां से जब आप तीन दिन बाद बहुत कुछ सीखकर जाएंगे तो आपके जीवन में एक नया बदलाव होगा। आप सभी का माउंट आबू में स्वागत है। माउंट आबू सभी आएं और वहां की खूबसूरती को देखें। माउंट आबू के लिए ब्रह्माकुमारीज़ धरोहर है। यहां पूरे देश सहित विश्वभर से लोग आते हैं। संस्थान द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान को पूरे विश्व में दिया जा रहा है।
सोशल मीडिया से सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाएं–
उप्र के प्रयागराज से आईं प्रधानमंत्री द्वारा हेरिटेज फैशन ऑइकान अवार्ड से सम्मानित सुप्रसिद्ध एन्फलुएंसर जाहृवी सिंह ने कहा कि मैं सोशल मीडिया के माध्यम से हमारी संस्कृति, त्योहार, पर्व और शास्त्रों के प्रचार-प्रसार का कार्य करती हूं। मेरा मकसद है कि समाज में हमारी भारतीय पुरातन संस्कृति की महिमा, गरिमा और भव्यता को लोग जान सकें। सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफार्म है जहां मनोरंजन के साथ हम लोगों को नई दिशा दे सकते हैं। हम सभी का दायित्व है कि हमारी सनातन सभ्यता, संस्कृति और अध्यात्म को आगे लेकर जाएं।
इन्होंने भी किया संबोधित-
– नई दिल्ली आईआईएमसी के पूर्व निदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि सोशल मीडिया की ताकत है कि आज आपको पूरा विश्व पहचानता है। ऐसे में हमें जिम्मेदारी के साथ कंटेंट क्रिएट करना जरूरी है। हमारे कंटेंट से देश की संस्कृति, सभ्यता, अध्यात्म, योग को नई पहचान मिले।
– अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि आज दुनिया स्पर्धा और व्यापारीकरण की अंधी दौड़ में दौड़ रही है। ऐसे में आध्यात्मिकता की भूमिका, महत्व और बढ़ जाता है। ग्लोबाइजेशन के इस दौर में सोशल मीडिया एन्फलुएंसर के जीवन में यदि दिव्यता, महानता होगी तो आप सभी जो कंटेंट बनाएंगे उससे समाज में परिवर्तन आएगा। आपके प्रयासों से स्वर्णिम दुनिया की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका है।
– अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि आप सभी यहां चार दिन तक यहां के दिव्य और पवित्र वातावरण का पूरा लाभ लें और जब यहां से जाएं तो अपने जीवन में एक नई प्रेरणा और सकारात्मकता लेकर जाएं। स्वागत भाषण पीआरओ व रिट्रीट के आयोजक बीके कोमल भाई ने दिया। संचालन डॉ. बीके रीना दीदी ने किया। स्वागत गीत मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने पेश किया। भोपाल से आईं कुमारियों से स्वागत नृत्य पेश किया।