*नमामि गंगे योजना बारिश में भी एक-एक बूंद पानी को तरस रहे हैं लोग*
महेवा इटावा
विकासखंड क्षेत्र के कस्बा एवं ग्रामीण अंचलों में नमामि गंगे योजना ग्रामीण क्षेत्र में बारिश के दिनों में भी ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझा पा रही है। ग्रामीण लोग योजना के एक-एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
जिम्मेदार लोग आंकड़ों की बाजीगरी के द्वारा जलापूर्ति के फर्जी आंकड़े भेज रहे हैं महेवा विकासखंड की 91 ग्राम पंचायतो में अधिकतम पंचायतें नमामि गंगे योजना की एक-एक बूंद पानी को आज भी तरस रही है।
महेवा विकासखंड में 91 ग्राम पंचायतें सभी में हर घर जल योजना के तहत घर-घर तक पाइप लाइन तो बिछा दी गई लेकिन बारिश के मौसम में भी जल निगम घर-घर में पानी नहीं पहुंचा पा रहा है सिर्फ आंकड़े कागजों में दिखाकर ग्रामीणों की प्यास बुझा रहे हैं।
ब्लॉक क्षेत्र ग्राम पंचायत उझियानी आंखों देखी हकीकत बयां कर रही है। ग्राम पंचायत के मजरा नगला चनदी में ना तो पाइपलाइन डाली गई और गांव के जिन मोहल्ले में पाइपलाइन बिछा कर स्टैंड पोस्ट बना दिए गए लेकिन घरों तक पानी पहुंचना तो दूर स्टैंड पोस्ट में भी करीब दो साल से पानी नहीं आ रहा व बनी हुई टंकी सफेद हाथी साबित हो रही है । गांव निवासी बाबूलाल, पूर्व प्रधान श्याम किशोर दुबे ,प्रेम गोपाल पांडेयआदि का कहना है कि नमामि गंगे योजना के अधिकारी जिला पूर्ति के लिए टेस्टिंग करने जरूर आए लेकिन जलापूर्ति के लिए बनाए गए स्टैंड पोस्ट पर टैंकर से पानी चालू करके फोटो लेने के बाद खिसक गए। जलापूर्ति पूर्ण रूप से ठप्प पड़ी हुई है। पानी की टंकी बरसों से अधूरी पड़ी हुई हैजिससे टंकी अनुपयोगी साबित हो रही है तथा गलियां भी खुदी पड़ी हुई है आंकड़ों के हिसाब से गांबो को 95 प्रतिशत संतृप्त दिखाकर औपचारिकता की है ग्रामीणों का कहना है कि गांव के 500 मीटर दूरी परखेतों में कुआं खुदा हुआ है जिसमें बोरिंग की गई है। जबकि जलापूर्ति 100% दिखाई जा रही है जबकि पानी की आपूर्ति नहीं हो रही।इस बारे में ग्राम प्रधान देवेंद्र कुमार से जब बात की तो उन्होंने बताया कि कई बार ब्लॉक से लेकर जिले स्तर तक के अधिकारियों से इस बारे कह चुके है लेकिन कोई भी निष्कर्ष नहीं निकला लगता कार्यकाल खत्म होने के बाद ही पानी की आपूर्ति मिल पाएगी।
इसी तरह ग्राम पंचायत आनेपुर गांव का भी यही हाल है वहां भी डेढ़ साल से बन रही टंकी अधूरी की अधूरी है कमोबेश यही हाल ग्राम पंचायत बम्होरा का है जहां टंकी भी बन गई ऑपरेटर भी नियुक्त हो गया पर आपूर्ति नहीं हो सकी गांव में करीब पांच मजरे हैं बम्होरा ,रमपुरा, हिगुटिया ,गुलजार नगर ,भवानीपुर आदि में आपूर्ति कब होगी यह तो नहीं पता पर टंकी सफेद हाथी साबित हो रही है।