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मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विवाद, महागठबंधन ने बताया लोकतंत्र पर खतरा

एसआईआर पर गरमाया सियासी माहौल, महागठबंधन ने की पुराने वोटर लिस्ट से चुनाव कराने की मांग

पटना, 19 जुलाई:
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ शनिवार को हुई बैठक में बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने जानकारी दी कि आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत अब तक 90 प्रतिशत गणना-प्रपत्र जमा हो चुके हैं।

इस दौरान महागठबंधन के घटक दलों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। महागठबंधन के नेताओं ने एसआईआर को गरीब, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा, अति-पिछड़ा और अल्पसंख्यक समुदाय को मताधिकार से वंचित करने का “षड्यंत्र” बताया।

राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बैठक में कहा कि एसआईआर की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और बीएलओ द्वारा मतदाताओं को प्रपत्र की पावती नहीं दी जा रही है। इससे मतदाता भ्रमित हो रहे हैं और उनके पास कोई साक्ष्य भी नहीं रहता।

महागठबंधन की ओर से निर्वाचन आयोग से यह भी मांग की गई कि डिजिटल डैशबोर्ड पर प्रतिदिन विधानसभावार जमा होने वाले गणना-प्रपत्रों की अद्यतन जानकारी सार्वजनिक की जाए।

राजद ने यह आग्रह भी किया कि चूंकि विधानसभा चुनाव में समय कम है, इसलिए चुनाव वर्तमान एसआईआर प्रक्रिया के बजाय पहले से प्रकाशित मतदाता सूची के आधार पर कराए जाएं। बैठक में राजद के प्रदेश महासचिव मदन शर्मा और मुख्यालय प्रभारी महासचिव मुकुंद सिंह भी शामिल रहे।

@ State Incharge Animesh Anand

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