
बिहार में अपराधियों पर शिकंजा: गुंडा पंजी होगी अपडेट, शराब और शस्त्र मामलों में भी निगरानी बढ़ेगी
पटना: बिहार सरकार ने राज्य में अपराध नियंत्रण और विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश जारी करते हुए गुंडा पंजी को अपडेट करने का आदेश दिया है। अब से सभी चार्जशीटेड अपराधियों के नाम इसमें दर्ज किए जाएंगे। साथ ही शराब से जुड़े मामलों के आरोपियों को भी पंजी में शामिल किया जाएगा।
गुंडा पंजी में दर्ज अपराधियों की थानों में नियमित परेड कराई जाएगी, ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। जिला बदर अपराधियों की भी रोजाना निगरानी की जाएगी। लापरवाही मिलने पर संबंधित थाने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
चुनाव से पहले पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर
हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में डीजीपी विनय कुमार ने गैर-जमानतीय वारंट (NBW) के लंबित मामलों पर चिंता जताई। सभी एसपी को थानों में लंबित वारंटों का सत्यापन कर वास्तविक संख्या की रिपोर्ट देने को कहा गया है। इसके लिए डीएसपी और थानाध्यक्षों को जिम्मेदारी दी गई है।
चुनाव के दौरान तैनात होने वाले अर्द्धसैनिक बलों के ठहरने और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
शस्त्र और तस्करी पर सख्ती
गृह विभाग ने सभी जिलों में बंद पड़ी शस्त्र दुकानों के सत्यापन और गोला-बारूद के मिलान का कार्य तेज़ करने का निर्देश दिया है। अवैध शस्त्र निर्माण और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए मिनी गन फैक्ट्रियों के उद्भेदन की कार्रवाई तेज करने को कहा गया है।
चेकपोस्ट पर हाईटेक निगरानी
राज्य भर के सभी चेकपोस्टों पर CCTV कैमरे लगाने, रोड बैरियर का इस्तेमाल अनिवार्य करने और नियमित वाहन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि संसाधनों की कमी हो तो सड़क सुरक्षा निधि से राशि मांगी जा सकती है।
जेल निरीक्षण और सोशल मीडिया पर नजर
राज्य के सभी जेलों का हर माह औचक निरीक्षण करने का निर्देश जारी किया गया है। साथ ही, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने को कहा गया है। क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) के तहत अधिक से अधिक प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्ष:
राज्य सरकार और पुलिस विभाग आगामी चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए हर स्तर पर निगरानी और नियंत्रण की रणनीति अपना रही है। अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के साथ ही कानून व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।