डेंगू नियंत्रण के लिए चलाया जा रहा जागरूकता अभियान घरों में जाकर दल द्वारा किया जा रहा लार्वा सर्वे
रिपोर्ट मुहम्मद ख्वाजा
टीकमगढ़ कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर रोशन के मार्गदर्शन में विभिन्न विभागों से समन्वय कर डेंगू नियंत्रण के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही रेपिड रिस्पोन्स दल का गठन भी वैक्टर कन्ट्रोल के लिए किया गया है। शासन के निर्देशानुसार डेंगू निरोधक माह जुलाई में विशेष प्रयास कर समुदाय को जागरूक करना आवश्यक है, जिससे कि वर्षाकाल में आगे डेंगू के प्रकरण कम से कम करने में मदद मिलेगी।जिला मलेरिया अधिकारी एच.एम रावत द्वारा बताया गया कि शरीर पर लाल चकत्ते, तेज बुखार, ऑखो और मास-पेसियांे में दर्द, सिर दर्द होने की स्थिति में सी.बी.सी की जांच अवश्य करायें और आवश्यकता पड़ने पर ऐलाइजा जॉच भी करायें जो कि जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में निःशुल्क उपलब्ध है। बुखार होने पर एस्प्रिन और डिस्प्रिन जैसे दर्द निवारक दवाओं का उपयोग न करें, आराम करें और चिकित्सक के मार्गदर्शन में दवा ले। घरों में डेंगू मच्छर पैदा होने से रोकने के लिए पानी को ढक्कर रखंे और प्रति सप्ताह पानी बदलते रहें। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार के प्रारम्भ के सात दिनों तक खून में प्लेटलेट घटती जाती है और सामान्य दशा में आगे पुनः बढ़ने लगती है। ऐसी दशा मंे मरीज को खून की शीघ्र जांच कराना और दवा लेना आवश्यक है। उसे आराम करना चाहिए, शरीर में नमक और पानी की कमी नहीं हो इसका ध्यान रखना जरूरी है। ग्राम स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को जागरूक करने और लार्वा सर्वे करने के लिए आदेशित किया गया है। टीकमगढ़ शहर में भी लार्वा सर्वे के लिए 2 दल गठित किये गये हैं जो प्रतिदिन 50 से अधिक घरों में जाकर लार्वा सर्वे और विनष्टिकरण का कार्य कर रहे हैं। अब तक जिले में 68 नमूनों की एलाइजा जांच जिला चिकित्सालय में की गई है, जिनमें से 2 डेंगू पॉजीटिव प्रकरण दर्ज हुये हैं जो स्वस्थ हैं। लगभग 1030 घरों में लार्वा सर्वे किया गया है, जिनके 4472 कंटेनर में से 21 में डेंगू मलेरिया मच्छर के लार्वा पाये गये हैं।।