धनबाद में धूमधाम से निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
थनबाद, सरायढेला – इस्कॉन धनबाद की ओर से भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा शनिवार को पूरे धार्मिक उल्लास और आस्था के साथ निकाली गई। फूलों से सुसज्जित रथ पर भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा विराजमान थे। जैसे ही रथ सरायढेला स्थित स्टील गेट से निकला, पूरा क्षेत्र “जय जगन्नाथ” के जयकारों से गूंज उठा।
रथ के आगे गौर निताई के विग्रह के साथ हरिनाम संकीर्तन करते श्रद्धालुओं की टोली झूमती नजर आई, तो वहीं दूसरी ओर पारंपरिक ओडीसी, बंगाली और झारखंडी नृत्य करतीं महिलाओं ने सांस्कृतिक रंग भर दिया। रथ को देखने और खींचने की होड़ में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।
रथयात्रा से पूर्व पाहुंडी अनुष्ठान और गुरु पूजा हुई। मुंबई के जुहू इस्कॉन से पधारे मुख्य अतिथि देवकीनंदन प्रभु ने संस्थापक श्रील प्रभुपाद की पूजा की, जबकि इस्कॉन धनबाद अध्यक्ष नामप्रेम दास ने गुरु आरती गाई। इसके बाद प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना की गई।
रथयात्रा का मुख्य आकर्षण गोल्फ ग्राउंड में बना गुंडिचा मंदिर रहा, जहां रथ की विशेष परिक्रमा कर भगवान के विग्रहों की स्थापना की गई। यहां हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए। संध्या में जैसे ही रथ गोल्फ ग्राउंड पहुंचा, हल्की बारिश के बीच पूरे भक्तिमय वातावरण में मासीबाड़ी में भगवान का स्वागत हुआ।
इस अवसर पर धनबाद के सांसद ढुलू महतो और विधायक राज सिन्हा भी शामिल हुए। गोल्फ ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय रथ महोत्सव में हजारों की संख्या में भक्तों ने महाप्रसाद ग्रहण किया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में देश-विदेश के कलाकारों ने अपनी-अपनी प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारत के 10 राज्यों की पारंपरिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहा।
नामप्रेम प्रभु ने मधुर कीर्तन के साथ भगवान जगन्नाथ की लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। आयोजन स्थल पर विशाल एलईडी स्क्रीन, बैठने और महाभोज की उत्तम व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की गई थी।
धनबाद की इस भव्य रथयात्रा ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि श्रद्धा, आस्था और संस्कृति का संगम जब एक साथ होता है, तो वह दृश्य अविस्मरणीय बन जाता है।