आदि गुरु शंकराचार्य की जयंती पखवाड़ा के अवसर पर व्याख्यान माला का हुआ आयोजन

कटनी – मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड बहोरीबंद अध्ययन केंद्र के माध्यम से मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के तहत चलाये जा रहे समाज कार्य में स्नातक, स्नातकोत्तर बीएसडब्ल्यू , एमएसडब्ल्यू पाठ्यक्रम (सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास एवं सतत विकास सहित) के छात्र-छात्राओं, नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधियों, प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष, सचिव एवं समाजसेवियों के द्वारा विकासखंड स्तरीय आदि शंकराचार्य की जयंती पखवाड़ा के अवसर पर व्याख्यानमाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत उपस्थित अतिथियों द्वारा आदि शंकराचार्य की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर मंत्रोच्चारण एवं शिव स्तुति के साथ की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भागवताचार्य मदन मोहन (मनु महाराज) सगोनी, दमोह, राकेश गर्ग एवं लोकेश ब्यौहार बहोरीबंद का आगमन हुआ। विकासखंड समन्वयक अरविंद शाह द्वारा शॉल, श्रीफल व पुष्प गुच्छ भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया गया।
लोकेश ब्यौहार ने आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन वृत पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्हें सनातन धर्म के महत्व को जन जन तक पहुंचाने एवं एक सूत्र में पिरोने के साथ ही सभी जीव एक समान है, के भाव को प्रगट करने वाला बताया। वहीं भागवताचार्य श्री मनु महाराज ने अपने व्याख्यान में बताया कि आदिगुरु शंकराचार्य की जयंती वैशाख शुक्ल पंचमी को मनाई जाती है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन को आदि शंकराचार्य के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। उन्हें अद्वैत वेदांत के संस्थापक और एक महान दार्शनिक के रूप में सम्मानित किया जाता है। आदि शंकराचार्य का जन्म 507 ईसा पूर्व के आसपास हुआ था और उनकी शिक्षाएं हिंदू धर्म और दर्शन पर गहरा प्रभाव डालती हैं। उन्होंने भारत के चारो दिशाओं में चार मठों की स्थापना की, जो आज भी प्रसिद्ध और पवित्र माने जाते हैं। इसमें ज्योतिर्पीठ बदरिकाश्रम, श्रृंगेरी पीठ, द्वारिका शारदा पीठ, पुरी गोवर्धन पीठ हैं। आदि शंकराचार्य की जयंती पर लोग उनके जीवन और शिक्षाओं को याद करते हैं और उनके द्वारा स्थापित मठों में विशेष पूजा और अनुष्ठान करते हैं। यह दिन हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो आदिगुरु शंकराचार्य की विरासत और उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए एक साथ आते हैं।
वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में राकेश गर्ग उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि शंकर दिग्विजय, शंकर विजयविलास, शंकरजय आदि ग्रन्थों में उनके जीवन से सम्बन्धित तथ्य उद्घाटित होते हैं। दक्षिण भारत के केरल राज्य (तत्कालीन मालाबारप्रांत) में आदिगुरु शंकराचार्य का जन्म हुआ था। उनके पिता शिवगुरु तैत्तिरीय शाखा के यजुर्वेदी भट्ट ब्राह्मण थे। भारतीय प्राच्य परम्परा में आदिशंकराचार्य को शिव का अवतार स्वीकार किया जाता है। कुछ उनके जीवन के चमत्कारिक तथ्य सामने आते हैं। जिससे प्रतीत होता है कि वास्तव में आदिशंकराचार्य शिव के अवतार थे। आठ वर्ष की अवस्था में श्री गोविन्दपदाचार्य के शिष्यत्व को ग्रहण कर संन्यासी हो जाना, पुन: वाराणसी से होते हुए बद्रिकाश्रम तक की पैदल यात्रा करना, 16 वर्ष की अवस्था में बद्रीकाश्रम पहुंच कर ब्रह्मसूत्र पर भाष्य लिखना, सम्पूर्ण भारत वर्ष में भ्रमण कर अद्वैत वेदान्त का प्रचार करना, दरभंगा में जाकर मण्डन मिश्र से शास्त्रार्थ कर वेदान्त की दीक्षा देना तथा मण्डन मिश्र को संन्यास धारण कराना, भारतवर्ष में प्रचलित तत्कालीन कुरीतियों को दूर कर समभावदर्शी धर्म की स्थापना करना इत्यादि कार्य इनके महत्त्व को और बढ़ा देता है। दशनाम गोस्वामी समाज (सरस्वती, गिरि, पुरी, बन, भारती, तीर्थ, सागर, अरण्य, पर्वत और आश्रम) की स्थापना कर, हिंदू धर्मगुरू के रूप में हिंदुओं के प्रचार-प्रसार व रक्षा का कार्य सौंपा और उन्हें अपना आध्यात्मिक उत्तराधिकारी भी बताया।
इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला समन्वयक डॉ तेज सिंह केशवाल ने आदिगुरु शंकराचार्य की जयंती पर विचार रखते हुए उनकी जीवनी के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। साथ ही कहा कि समाज कल्याण के लिये सभी अपने-अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित व दृढ संकल्पित होकर कार्य करें तो सफलता निश्चित तौर पर मिलेगी।
अतिथि वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, लोकनाथ द्विवेदी ने भी अपने विचार रखे, नरेश दहायत (सरपंच, अमोच) ने कविता पाठ के माध्यम से आदि गुरु को याद किया। रामेश्वर लोधी (कवि, डीहुटा) ने भी कविता के माध्यम से सबको गुरुवर के जीवन व्रत्तांत को प्रस्तुत किया। मेंटर अवधेश बैरागी द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल बचाने हेतु शपथ दिलाई गई। वहीं विकासखंड समन्वयक अरविंद शाह ने बताया कि राज्य शासन द्वारा आदि शंकराचार्य की जयंती को एक अभियान के रूप में मानकर पूरे सप्ताह भर कार्यक्रम आयोजित करने की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें संगोष्ठी, चौपाल, जनजागरूकता आदि के माध्यम से आमजन को अवगत कराने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही परामर्शदाता राम सिंह पटेल द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। जिससे हमारा देश किसी भी विकट स्थिति में सुगमता से सामना कर सके इसलिए सभी को स्वयंसेवक के रूप में पंजीयन कराना चाहिए।
अंत में नवांकुर संस्था पटना बाकल के धनीराम लोधी ने सभी अतिथियों एवम् उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। मंच संचालन मेंटर अवधेश बैरागी ने किया। मंचीय व्यवस्था मेंटर राम सिंह पटेल, उमा अवस्थी, पंजीयन सुरेंद्र चक्रवर्ती (नवांकुर संस्था कौड़ियां), आशीष तिवारी (मेंटर), फोटो एवं बैठक व्यवस्था में मेंटर विनोद सिंह सैयाम, सरजू प्रसाद सेन (नवांकुर संस्था, जन चेतना समाज सेवी समिति बडखेरा) ने सहयोग दिया।
इस अवसर पर समाजसेवी अमित कुमार गुप्ता, बहोरीबंद विकासखंड की सभी नवांकुर संस्था के सदस्यों में से सरजू सेन, रामकुमार पटेल, आलोक सिंह सेंगर, पुष्पेंद्र दहिया, आलम सिंह, मोहित बैरागी, जगनंदन पटेल एवं ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों के सदस्यों के साथ परामर्शदाता राम सिंह पटेल, अवधेश बैरागी, विनोद सिंह सैयाम, आशीष कुमार तिवारी, उमा अवस्थी एवं खुशी पाठक, प्रियंका, नंदिता लोधी, महक गुप्ता, संजय लोधी, संकल्प नायक, मुकेश कुमार रैदास के साथ सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।
कटनी – कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सोमवार 19 मई को समय-सीमा बैठक के तत्काल बाद जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समिति की बैठक आयोजित होगी।
बैठक में मुख्यमंत्री गौसेवा योजना एवं अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं में उपलब्ध गौवंश संख्या के आधार पर चारा-भूसा एवं भरण-पोषण की राशि का वितरण किया जाएगा। यह राशि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 22 मई को डीबीटी के माध्यम से अंतरित की जायेगी।
डॉ. आर के सोनी उपसंचालक, पशु पालन एवं डेयरी विभाग ने बैठक के दौरान कृषि स्थायी समिति के अध्यक्ष, गिरधारी लाल शर्मा (मनोनीत अशासकीय सदस्य), राहुल द्विवेदी (मनोनीत अशासकीय सदस्य), पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, वन मण्डलाधिकारी वन विभाग, उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें, आयुक्त नगर निगम, उपसंचालक कृषि, सचिव मण्डी बोर्ड, प्रबंधक उर्जा विकास निगम जबलपुर एवं प्रबंधक श्री दयोदय पशु सेवा केन्द्र, कैलवारा, माँ शारदा गौशाला एवं पर्यावरण समिति जमुआनीकलॉ, श्री नंद गौशाला समिति ताली रोहनिया से उपस्थित रहने का आग्रह किया है
शासकीय महाविद्यालय बरही में सत्र 2025-26 प्रवेश प्रक्रिया हुई प्रारंभ
एईडीपी के अंतर्गत स्किल आधारित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम में भी होगें प्रवेश
कटनी – शासकीय महाविद्यालय बरही में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू है। राज्य शासन के उच्च शिक्षा विभाग भोपाल के दिशा निर्देशानुसार शासकीय महाविद्यालय बरही जिला कटनी में एक ईडीपी के अंतर्गत स्किल आधारित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम के अंतर्गत बी.कॉम इन रिटेल ऑपरेशंस, बी.कॉम इन ह्यूमन रिसोर्स ऑपरेशन एवं 3 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम बी.ए., बी.एस.सी., बी.कॉम. प्रथम वर्ष तथा स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के लिए प्रवेश प्रारंभ हो चुका है ।
प्राचार्य प्रो. आर.के. त्रिपाठी ने बताया कि इन रोजगारोन्मुखी स्किल आधारित पाठ्यक्रमों के अंतर्गत दो वर्ष तक विद्यार्थियों को महाविद्यालय में अध्ययन करना होगा एवं तीसरे वर्ष में कंपनियों, उद्योग एवं अन्य संस्थानों में ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी को 8 हजार रूपए प्रतिमाह ट्रेनिंग के दौरान प्राप्त होंगे। इन पाठ्यक्रमों में 30-30 सीटें निर्धारित की गई हैं। डॉ. कन्हैया कुमार विश्वकर्मा विभागाध्यक्ष वाणिज्य विभाग एवं एईडीपी नोडल अधिकारी ने बताया कि पहले आओ पहले पाओ मेरिट लिस्ट के आधार आधार पर प्रवेश दिया जाएगा।
प्रवेश प्रभारी डॉ. अरविन्द सिंह ने विद्यार्थियों को अपने आस-पास के 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होने एवं प्रवेश लेने के लिये प्रेरित करने के साथ ही शासकीय महाविद्यालय बरही में संचालित पाठ्यक्रमों से संबंधित जानकारी देने हेतु प्रेरित किया गया जिससे कि प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी सहजता से प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण कर प्रवेश ले सके।
कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो.आर. के त्रिपाठी, प्रवेश प्रभारी डॉ. अरविन्द सिंह, एईडीपी नोडल अधिकारी डॉ. केके विश्वकर्मा, डॉ मंजूलता साहू, डॉ सुनीता सिंह, डॉ केके निगम, डॉ राकेश दुबे, महाविद्यालय स्टॉफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।