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Chhattisgarh News नगर पंचायत नरियारा में राशन की दुकान एक ही स्थान पर होने के कारण राशन वितरण में भारी अनियमितता मिल रही है।

ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा

छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर चांपा जिले के अंतर्गत नरियारा नगर पंचायत आता है जहां पर की समुह दुकान संचालक की जाती है एक ही स्थान पर दो दुकान संचालित होने की वजह से राशन वितरण में अनियमितता होती है कारण यह है कि खुलने का समय एवं बंद होने का समय निश्चित तो है मगर किसी भी ग्राहक को राशन की कोटा से शक्कर की आपूर्ति नहीं हो पा रही है इसलिए नहीं हो पा रही है की जो दुकान संचालित करने वाला है वह दोनों मशीन को एक साथ उपयोग करता है और एक ही मशीन में पूरी शक्कर एवं चावल को अपडेट कर देता है वितरण में अपडेट होने के साथ-साथ वितरण में अगर पूछा जाता है कि हमें शक्कर क्यों नहीं दिया जा रहा है तो उनका केवल एक ही जवाब रहता है मशीन खराब है दूसरा मिशन को बनवाने के लिए कलेक्टर ऑफिस जाना पड़ता है न जाने इतने सारे बहाना बाजी करते हैं जिसकी वजह से राशन का वितरण अनियमितता हो जा रही है।

बड़ी नगर पंचायत है यहां शासन को होना चाहिए कि चार महिला समिति अर्थात समूह वालों को दुकान संचालन करने हेतु निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन मांग करना चाहिए क्योंकि जो दुकान संचालित है उसमें राशन की वितरण की जाती है मगर सही स्थिति में वितरण नहीं की जाती।

शक्कर का शासकीय मूल्य है₹17 मगर ₹20 प्रति किलो के हिसाब से पैसा लिया जाता है मगर शक्कर और चावल की भी किसी अन्य दुकान पर उसका तौल किया जाता है तो शक्कर की मात्रा कम रहती है चावल की भी मात्रा कम रहती है चावल अगर 10 किलो का है तो 10 किलो की जगह दूसरी जगह वजन करवाने पर 9 किलो 500 ग्राम होता है जो तराजू है जिस दुकान की संचालन हो रही है उसका तराजू का सही सर्टिफिकेशन नहीं है रेनवाल भी नहीं कराया रहता है।

हमारे संवाददाता बताते हैं कि हमारे संवाददाता भी जब राशन लेने के लिए जाते हैं शक्कर का वजन करवाते हैं चावल का वजन करवाते हैं तो उस दुकान पर सही मिलता है मगर उसीको दूसरी जगह जब वजन करवाता है तो कम मात्रा रहती है।

इस तरह से दो से ढाई हजार राशन कार्ड है प्रति₹20 में₹3 बचता है तो उस ₹3 में न जाने 8 से ₹10000 सोसाइटी वाला काम लेता है₹3 वापसी नहीं करता।

ऐसी विडंबना है कि शासन का राशन समय पर नहीं मिलता मिलता है तो अनियमित एवं कई बार तो शक्कर ही नहीं दिया जाता जिसकी वजह से बिना शक्कर का उपभोक्ता परेशान हो जाता है।

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