Haryana News नारनौल में बुधवार रात से सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर
नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन ने रखी 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल

ब्यूरो चीफ सतीश कुमार नारनौल हरियाणा
एनएचएम कर्मचारी भी 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे
नारनौल में बुधवार रात से सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल से लंबित मांगों पर सहमति बनने बावजूद कोई लिखित आदेश जारी नहीं होने के कारण सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों में नाराजगी है। उन्होंने फिर हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया । उधर एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर दो घंटे की हड़ताल शुरू की। कर्मचारी नागरिक अस्पताल में एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हड़ताल के चलते अस्पताल में आपातकाल के अलावा एम्बुलेंस सेवा बन्द रही। इसके अलावा लेबर रूम, मनोचिकित्सक विभाग, टीकाकरण काम प्रभावित हुए।
डाक्टरों की हड़ताल 12 बजे तक जारी रही। बृहस्पतिवार को सामान्य अस्पताल परिसर में नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन के लोगों ने भी 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल रखी।नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन नारनौल की प्रधान सुशीला कौशिक, उप प्रधान कमलेश नेहरा तथा जिला सचिव कृष्ण कुमार के नेतृत्व में नारनौल सामान्य अस्पताल परिसर में अपनी मांगों को लेकर 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल रख कर प्रदर्शन किया।
एनएचएम कर्मचारी 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे
एनएचएम कर्मचारी संघ व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के संयुक्त आह्वान पर एनएचएम कर्मचारियों ने पहले 24 जुलाई को 3 दिन की सांकेतिक हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। इसके बाद अब 25 जुलाई को मिशन निदेशक, एनएचएम द्वारा यूनियन प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया गया है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने 24 की हड़ताल का निर्णय स्थगित करते हुए दो घंटे पेन डाउन कर वर्क सस्पेंड करने का निर्णय लिया।
संघ के प्रवक्ता का कहना है कि अब मिशन निदेशक के साथ हुई बातचीत में कर्मचारी हित में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है तो एनएचएम कर्मचारी 26 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे पिछले 26 वर्षों से एनएचएम कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है, मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक मंजूरी के बावजूद भी सातवें पे कमीशन का लाभ नहीं दिया जा रहा।
वीरवार को हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन से डॉ. कृष्ण यादव ने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो बीती रात से ही आपात सेवाओं के साथ तमाम स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी गई। उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को हुई बैठक में सरकार ने आश्वस्त किया था कि 25 जुलाई से पहले लिखित आदेश जारी कर दिए जाएंगे। वाहन भत्ता भी 500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 3000 किया जाएगा। इसके लिए 25 जुलाई से पहले उचित प्राधिकारी से मंजूरी लेकर दी जाएगी। इसी कारण एसोसिएशन ने हड़ताल का फैसला वापस ले लिया था। पर अब सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया औैर मजबूरी में हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है। इससे पहले डाक्टर एक जुलाई को धरना प्रदर्शन कर चुके हैं और 15 जुलाई को दो घंटे तक ओपीडी में सेवाएं बंद कर चुके हैं।
इन मांगों पर बनी थी सहमति
18 जुलाई को हुई बैठक में एसीएस ने 4, 9, 13 साल की सेवा पर एशोयर करियर प्रोग्रेशन (एसीपी) की अधिसूचना प्राप्त करने का आश्वासन दिया था, जबकि वर्तमान में एसीपी 5, 10, 15 साल पर दिया जाता है। इसके अलावा पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए बांड राशि घटाकर 50 लाख करने व सीधी एसएमओ भर्ती नहीं किए जाने पर सहमति बनी थी