Chhattisgarh News अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ कैडर की 2018 बैच की आईपीएस हैं।

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर-चांपा छत्तीसग
वे मूलतः भी छत्तीसगढ़ की ही रहने वालीं हैं। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की अंकिता निवासी हैं। स्कूल की पढ़ाई के दौरान देशभर में टॉपर रही अंकिता ने एमबीए करने के बाद तीसरे अटेम्प्ट में 203 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक की है। एमबीए में भी वे गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। नक्सल प्रभावित जिले में पदस्थ रहते हुए नक्सल एरिया में कैंप खोलने वाली अंकिता देश की पहली महिला आईपीएस हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में…
अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की रहने वालीं हैं। उनका जन्म 25 जून 1990 को हुआ है। अंकिता के पिता राकेश शर्मा व्यापारी हैं। जबकि उनकी माता सविता शर्मा गृहणी हैं। तीन बहनों में अंकिता सबसे बड़ी हैं। बचपन से ही अंकिता पढ़ाई में मेधावी रहीं हैं। उन्होंने दुर्ग के सेंट जेवियर्स इंग्लिश मीडियम स्कूल में केजी वन से बारहवीं तक पढ़ाई की हैं। दसवीं में अंकिता के 92% अंक आए थे। 11 वीं व 12वीं अंकिता ने कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई की। 12वीं बोर्ड में अंकिता 90% अंकों के साथ आईसीएसई बोर्ड में इकोनॉमिक्स और कमर्शियल स्टडीज में देश भर में टॉपर रहीं थीं। बारहवीं के बाद सेंट थॉमस कॉलेज से 76% अंकों के साथ बीकॉम की डिग्री ली। एमबीए में अंकिता शर्मा ने स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी में टॉप किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। उन्होंने फाइनेंस और ह्यूमन रिसोर्स में ड्यूल स्पेशलाइजेशन किया हैं। 84% अंकों के साथ अंकिता शर्मा यूनिवर्सिटी टॉपर रहीं हैं।
आईपीएस अंकिता शर्मा का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर की आईपीएस अंकिता शर्मा?
अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ कैडर की 2018 बैच की आईपीएस हैं। वे मूलतः छत्तीसगढ़ की ही रहने वालीं हैं। स्कूल की पढ़ाई के दौरान भी अंकिता ने देशभर में टॉप किया था। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी क्रैक कर अंकिता आईपीएस बनीं हैं।
आईपीएस अंकिता शर्मा का जीवन परिचय (जीवनी), जानिए कौन है छत्तीसगढ़ कैडर की आईपीएस अंकिता शर्मा?
एनपीजी। अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ कैडर की 2018 बैच की आईपीएस हैं। वे मूलतः भी छत्तीसगढ़ की ही रहने वालीं हैं। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की अंकिता निवासी हैं। स्कूल की पढ़ाई के दौरान देशभर में टॉपर रही अंकिता ने एमबीए करने के बाद तीसरे अटेम्प्ट में 203 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक की है। एमबीए में भी वे गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। नक्सल प्रभावित जिले में पदस्थ रहते हुए नक्सल एरिया में कैंप खोलने वाली अंकिता देश की पहली महिला आईपीएस हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में…
जन्म और शिक्षा:–
अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की रहने वालीं हैं। उनका जन्म 25 जून 1990 को हुआ है। अंकिता के पिता राकेश शर्मा व्यापारी हैं। जबकि उनकी माता सविता शर्मा गृहणी हैं। तीन बहनों में अंकिता सबसे बड़ी हैं। बचपन से ही अंकिता पढ़ाई में मेधावी रहीं हैं। उन्होंने दुर्ग के सेंट जेवियर्स इंग्लिश मीडियम स्कूल में केजी वन से बारहवीं तक पढ़ाई की हैं। दसवीं में अंकिता के 92% अंक आए थे। 11 वीं व 12वीं अंकिता ने कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर पढ़ाई की। 12वीं बोर्ड में अंकिता 90% अंकों के साथ आईसीएसई बोर्ड में इकोनॉमिक्स और कमर्शियल स्टडीज में देश भर में टॉपर रहीं थीं। बारहवीं के बाद सेंट थॉमस कॉलेज से 76% अंकों के साथ बीकॉम की डिग्री ली। एमबीए में अंकिता शर्मा ने स्वामी विवेकानंद टेक्निकल यूनिवर्सिटी में टॉप किया और गोल्ड मेडलिस्ट रहीं। उन्होंने फाइनेंस और ह्यूमन रिसोर्स में ड्यूल स्पेशलाइजेशन किया हैं। 84% अंकों के साथ अंकिता शर्मा यूनिवर्सिटी टॉपर रहीं हैं।
एमबीए करने के बाद अंकिता ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। वे 6 माह के लिए दिल्ली गईं और एक कोचिंग में एडमिशन लिया। 6 माह में दिल्ली से वापस आकर घर पर रहकर ही तैयारी करने लगीं। वैकल्पिक विषय में उन्होंने लोक प्रशासन विषय चुन रखा था।
स्कूल के समय से ही अंकिता शर्मा की रोल मॉडल भारत की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी रहीं थीं। वह उन्हीं के जैसे बनना चाहती थीं। घर पर रहकर तैयारी के दौरान मोटिवेशन के लिए अंकिता शर्मा रोजाना शाम को अपनी स्कूटी से एक चक्कर दुर्ग एसपी और आईजी बंगले का लगाती थीं। अंकिता की तैयारी के समय दुर्ग के एसपी अमरेश मिश्रा और आईजी दीपांशु काबरा हुआ करते थे। उनके बंगले के बाहर लगे नेम प्लेट के बोर्ड में एसपी और आईजी के नाम के नीचे लिखे आईपीएस को देखकर अंकिता मोटिवेट होती थीं। रोजाना इस बोर्ड को देखकर मोटिवेशन लेकर अंकिता फिर से अपने आईपीएस बनने के लक्ष्य के लिए दुगनी मेहनत से जुट जाती थीं। अंकिता का शुरू से ही मानना था कि जिस काम में खुशी मिलती है। लोगों को वही करनी चाहिए आईपीएस बनकर ला एंड ऑर्डर संभालने के अलावा त्वरित न्याय भी दिलाया जा सकता है। यह अंकिता की सोच रहीं थीं।
यूपीएससी के पहले प्रयास में अंकिता का प्री निकला पर मुख्य परीक्षा निकाल कर इंटरव्यू में जाने से वे चुक गईं। मांस निकालने में वह केवल 15 नंबर से चुकीं। दूसरे अटेम्प्ट में मात्र 0.23 % से प्री निकालने से चुकीं। इस तरह से दूसरे प्रयास में उनका प्री भी नहीं निकल पाया। पर तीसरे प्रयास में अंकिता ने प्रारंभिक, मुख्य व साक्षात्कार निकाल कर 203 वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक की और आईपीएस बनने में सफल रहीं।
प्रोफेशनल कैरियर:–
अंकिता शर्मा ने 27 अगस्त 2018 को आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। सरदार वल्लभभाई पटेल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट हैदराबाद से ट्रेनिंग खत्म करने के बाद फील्ड ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर अंकिता को बलौदाबाजार– भाटापारा जिले में पोस्टिंग मिली। जहां वे भाटापारा ग्रामीण थाने की थाना प्रभारी रहीं। यहां थाना प्रभारी रहने के दौरान उन्होंने नारकोटिक्स के मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए 53 हजार बॉटल दारू पकड़ा था । बलौदा बाजार के बाद अगले चरण में उन्हें रायपुर आजाद चौक का सीएसपी बनाया गया। इस दौरान उन्होंने एसएसपी अजय यादव के नेतृत्व में नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे ऑपरेशन क्लीन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। एक ही बड़ी कार्यवाही में अंकिता शर्मा ने 700 किलो गांजा पकड़ा। अंकिता के कार्यवाहियों से भयभीत ड्रग माफियाओं ने एक समय ड्रग की तस्करी बंद कर दी थी। रायपुर में अवैध शराब व ड्रग मिलना बंद हो गया था। रायपुर के बाद अंकिता की पोस्टिंग जगदलपुर में एडिशनल एसपी नक्सल ऑपरेशन के तौर पर हुईं। अंकिता शर्मा छत्तीसगढ़ की पहली महिला आईपीएस है जिन्हें नक्सल ऑपरेशन की कमान सौंपी गई थी। हाथ में एके-47 लेकर नक्सली क्षेत्र में पैदल गश्त की अंकिता की फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई थी।
बॉलीवुड एक्ट्रेस रवीना टंडन ने ट्वीट कर अंकिता शर्मा की फोटो शेयर करते हुए उन्हें असली हीरोइन बताया था। रवीना टंडन ने कमेंट करते हुए लिखा “True Blue Blooded Heroines .. #proudindianwomen”. जिस पर अंकिता ने भी थैंक्स का रिप्लाई किया था।
जगदलपुर के बाद नए बनने वाले जिले खैरागढ़– छुईखदान– गंडई की ओएसडी बनीं। नए जिले के गठन के बाद संसाधनों को जुटाना, नए जिले की स्थापना करवाना, नए जिले में डीआरजी का गठन करवाना आदि काम शामिल था। जिले की पहली एसपी बनने के बाद जिले के नक्सल प्रभावित कटेमा में नक्सल कैंप खोला। धुर नक्सल प्रभावित कटेमा छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित हैं। गोंदिया, बालाघाट, राजनांदगांव की सीमा से लगे कटेमा में खुद जाकर कैंप उन्होंने बनवाया। अंकिता शर्मा देश की पहली महिला आईपीएस है जिन्होंने नक्सल प्रभावित एरिया में जाकर कैंप स्थापित करवाया है। इस काम में अंकिता को राजनांदगांव रेंज के तत्कालीन आईजी राहुल भगत का विशेष सहयोग व मार्गदर्शन मिला।केसीजी जिले के बाद अंकिता वर्तमान में सक्ती जिले की एसपी हैं। जहां जुआ– सट्टा के खिलाफ वे अभियान चला रहीं हैं।
हॉबीस:–
अंकिता शर्मा को फोटोग्राफी, रीडिंग, म्यूजिक सुनने व डांस का शौक हैं। अंकिता शर्मा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को भी तैयारी के लिए गाइडेंस देती हैं। उनका सपना है कि छत्तीसगढ़ के बच्चे भी यूपीएससी में बड़ी संख्या में चयनित हो और उनमें यूपीएससी की तैयारी के लिए कॉन्फिडेंस विकसित हों। अंकिता उस दिन के इंतजार में हैं जब छत्तीसगढ़ के अभ्यर्थियों का नाम अधिकतम संख्या में यूपीएससी की चयन सूची में हो।
अंकित शर्मा की शादी नहीं हुई है लेडी सिंघम कहा जाता है जिस तरह से सिंघम फिल्म बनी थी इस फिल्म के तर्ज पर आईपीएस अंकित शर्मा है जो की फिल्मी अंदाज से प्रशासन करती है अच्छे अक्षरों को काले पानी की सजा दे जाती है गुंडे बदमाशों को माफिया को सटोरियों को एवं राजनेताओं को खट्टे कर देती है अपनी प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत।
हमारे संवाददाता का कहना यह है कि जिस तरह से प्रशासनिक व्यवस्था के अंतर्गत कसावट होती है इस तरह से लेडी सिंघम अंकित शर्मा अच्छे कार्य करती है और जो अच्छे कार्य करते हैं उनको बार-बार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है कभी ट्रांसफर तो कभी डिमोशन न जाने कितनी तकलीफों से लेडी सिंघम अपनी जिंदगी को भारतीय पुलिस सेवा में लगा दी है अब देखना यह है कि लेडी सिंघम अंकित शर्मा माफिया सरगना को खत्म करती है एवं राजनेताओं को दांतों तले चबा जाती है जिस तरह से झांसी की रानी है इस तरह से लेडी सिंघम अंकित शर्मा है।