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Chhattisgarh News ग्राम पंचायत नरियारा की जो दास्तान दैनिक भास्कर में छपा है उसी की प्रतिक्रिया मे।

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़

जांजगीर चांपा। ग्राम पंचायत नरियारा की मूलभूत विकास कार्य के संबंध में दैनिक भास्कर में जो लेख छपा है उसमें सचिन की एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद का विरोधाभास जो बयान आया है वह खानदान के लायक है इसलिए खानदान के लायक है कि मूलभूत राशि की यहां सदुपयोग ना कर दुरुपयोग किया जा रहा है विगत एक दो महीने के पूर्व में मूलभूत राशि को निकाल कर पिकनिक शहर सपाटे में गए हुए थे सरपंच और सचिव एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद के द्वारा राशि निकालने के पश्चात।

अब अगर मालूम मूलभूत राशि की फर्जी बिल प्रस्तुत कर राशि आहरण कर लिया गया है और उन राशियों का दुरुपयोग किया गया है सदुपयोग नहीं हुआ है अब यहां पर जब दैनिक भास्कर में मामला जब छप गया है तो सचिन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता के द्वारा गोल मोल जवाब दिया जा रहा है क्योंकि विकास कार्य में कुछ बड़ा तो अधिकारियों की कमीशन खोरी कुछ जनप्रतिनिधियों की कमीशन खोरी के चलते मूलभूत विकास नहीं हो पता इसके जगह में अवैध सरकारी जमीनों पर अवैध बेजा कब्जा चलता है।

यह गांव की विडंबना यह है कि 5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने को आया है मगर गांव की तंग गलियों में विद्युत पोल में ग्राम पंचायत के द्वारा स्ट्रीट लाइट नहीं लगवाया गया है जहां देखो खंबे से रोशनी नहीं मिलती है अंधियारी रात में राहगीरों को आना जाना पड़ता है।
यहां तक के की विधायक निधि से जो पैसा आता है विकास कार्य के लिए उसका भी अता पता नहीं है सांसद निधि से जो पैसा आता है विकास के लिए उसका भी आता पता नहीं है तो कहां से नरियारा का मूलभूत विकास हो पाएगा आता है पैसा मगर सब कमीशन के चलते विकास कार्य शून्य हो जाता है।
गांव के सचिव गांव के सरपंच से अगर पूछा जाता है तो सही प्रश्नों का उत्तर नहीं देते हैं।
आगामी भविष्य में नरियारा नगर पंचायत बनने जा रहा है जहां की मूलभूत विकास ही नहीं है तो क्या नगर पंचायत होने के बाद मूलभूत विकास कार्य हो पाएगा क्या क्या नगर पंचायत होने के पश्चात मूलभूत विकास कार्य प्रगति पर रहेगा क्या यह विचारणीय प्रश्न है।

वैसे देखा जाए तो नरियारा विकास कार्यों से कोसों दूर स्थित है।

यहां पर जो कुछ भी कार्य होता है वह कमिश्नर के आधार पर कार्य संचालित रहता है विकास के नाम से नहीं।

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