Rajasthan News आज मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा बिश्नोई ने बताया कि माता ही परिवार की धुरी है

रिपोटर बाबुराम केनावत बाडमेर राजस्थान
बाडमेर:- विद्या भारती विद्यालय आदर्श विद्या मंदिर धोरीमना में आज मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि श्रीमती पुष्पा बिश्नोई ने बताया कि माता ही परिवार की धुरी है बच्चे की आदत में सुधार करना मां की जिम्मेदारी है । बच्चा यदि गलतियां करता है तो मां बच्चे को उसी समय रोककर सुधार करवाना चाहिए। बच्चों में सुनने की शक्ति विकसित करने में मां उसमें मार्गदर्शक बने । और घर में बच्चों के सामने व्यर्थ की बातें नहीं करनी चाहिए। बालक झूठ नहीं बोले इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए। बालक कोरा कागज है इस पर अपन जैसा आचरण उकेरना चाहते हैं वैसा उकेर सकते हैं बालकों को सवेरे जल्दी उठना चाहिए और उसको कसरत आदि में भागीदारी बनाएं बालक को सही शिक्षा देना ही हमारा ध्येय है यदि सही शिक्षा देते हैं तो बच्चे का जीवन सफल हो जाएगा। इस अवसर पर आदर्श विद्या मंदिर धोरीमना की पूर्व बहन विशिष्ट अतिथि ओमी धतरवाल ने कहा कि मेरे लिए इस विद्या मंदिर की मिट्टी वंन्दनीय है उनका मानना है कि बालक अपना लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ेगा तो अवश्य ही सफलता की सीढ़ी चढ़ेगा बालक का मानसिक व शारीरिक रूप से मजबूत करने के लिए मन को हमेशा तैयार रहना चाहिए सबको समान रूप से शिक्षा दें बेटी दो परिवारों की धुरी होती है इसलिए मां बेटी के लिए अच्छे संस्कार गठित करें इस अवसर पर मुख्य वक्ता मोहनलाल जी जोशी ने बताया कि आजकल की संस्कृति में किस प्रकार का बदलाव आने लग गया है भारतीय संस्कृति आज विश्व में अपना एक उच्च स्थान रखती है मदालसा ने भारत भूमि पर जन्म लेने के लिए हरिद्वार में गंगा नदी में डुबकी लगाकर अपने ही लीला समाप्त कर दी उन्होंने बताया कि माता सोई संतान खोई इसलिए मां को हमेशा जागृत रह करके अपने बच्चों पर ध्यान रखना चाहिए अगर सुभद्रा नहीं सोती तो अभिमन्यु दुर्गति की मौत नहीं मरता चक्रव्यूह भेद करके विजेता बनकर के उभरता एक बालक में मां अपनी ओर से कई तरीके के संस्कार पैदा कर सकती है प्रत्येक बालक को प्रतिदिन सुबह जल्दी उठ करके 21 बार ब्रह्मनाद करना चाहिए बालक में सभी कोषों का विकास विकसित करना चाहिए।प्रतिदिन अपने घर में हर -जस का आयोजन करना चाहिए ताकि बच्चे के दिमाग में हमेशा भारतीय संस्कृति, भारतीय संस्कार गूंजता रहे कार्यक्रम के अंत में माननीय अध्यक्ष सुशीलाजी चौधरी ने बताया कि बालक का सर्वांगीण विकास माता के द्वारा संभव है मां और विद्यालय मिलकर के बच्चे को उच्च शिखर तक पहुंचा सकते है इस अवसर पर विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्रीमान नारायण दास जी माली ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और व्यवस्थापक श्रीमान नरपत सिंह जी चौहान ने अतिथियों का परिचय बताया कि विद्यालय और माताएं मिलकर बच्चों की विकास में हमेशा तैयार रहे हैं और यदि भैया/बहिन के सुझाव हो तो गृह संपर्क में आने वाले भैयाजी दीदी जी को जरूर अवगत करावे। इस अवसर पर प्रतिभा सम्मान परीक्षा में प्रांत में स्थान प्राप्त करने वाले भैया बहनों को पुरस्कृत किया गया, इस अवसर पर राजकीय सेवा से सेवा निवृत्ति होने की खुशी में सुशीला जी ने अपनी ओर से 5100 रू का चेक विद्या मंदिर को प्रदान किया और इस कार्यक्रम का संचालन आचार्या रुक्मण जी बिश्नोई ने किया अंत में सावित्री जी जाजू ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर 395 मातृशक्ति व पूर्व छात्र परिषद के भैया व आचार्य,आचार्या व समिति के सदस्य उपस्थित रहे। यह जानकारी धनराज शर्मा ने दी।

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