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Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ के सर्व महार माहरा महरा समाज ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी से मुलाकात कर केंद्र व राज्य सरकार का आभार जताया

रिपोर्टर डॉ रमाशंकर श्रीवास्तव कांकेर छत्तीसगढ़

कांकेर: छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति की सूची में महरा, महारा समुदाय को महार, मेहरा, मेहर के साथ पर्यायवाची के रूप में शामिल करने संविधान के अनुच्छेद 341 (2) के तहत संसद में विधेयक पारित किया। इससे समाज की वर्षों पुरानी मांग पूर्ण होने से समाज के लोग ने हर्ष व्याप्त है।अविभाजित मध्यप्रदेश शासन ने अपने पत्र 25 सितंबर 1989 द्वारा महरा जाति को महार, मेहरा, मेहर अनुसूचित जाति के साथ शामिल किया जाकर अनुसूचित जाति की सूची में सम्मलित करने संबंधित प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया था। भारत सरकार द्वारा प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए भारत का राजपत्र .13 दिसंबर 2002 द्वारा महरा जाति को त्रुटिवश केवल मध्यप्रदेश राज्य के लिए मान्य करने संबंधी अधिसचना जारी की। अविभाजित मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रेषित प्रस्ताव में तत्कालीन बस्तर व रायपुर जिला (वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ) भी शामिल था, लेकिन 1 नवंबर 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य गठन होने के पश्चात अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के प्रस्ताव में शामिल छत्तीसगढ़ राज्य बस्तर व रायपुर जिले में निवासरत महरा जाति के लोग अनुसूचित जाति का संवैधानियक अधिकार प्राप्त करने वर्षों से वंचित हो गए थे। सचिव छत्तीसगढ़ शासन, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग ने अविभाजित मध्यप्रदेश शासन द्वारा पूर्व में भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव में शामिल तथ्यों व सकारात्मक नवीन तथ्यों का समावेश कर छत्तीसगढ़ राज्य की अनुसूचित जाति की सूची में अनुक्रमांक 33 पर शामिल महार, मेहरा, मेहर के साथ महरा, महारा को प्रतिस्थापित करने के लिए राज्य शासन के अनुशंसा सहित 2021, 2022 को पत्र द्वारा प्रस्ताव भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को भेजा था।उक्त प्रस्ताव को भारत के संविधान के अनुच्छेद 341 (2) के तहत संसद के समक्ष विचारार्थ और पारित करने के लिए एक विधेयक के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसे लोकसभा में विधेयक पारित होने के पश्चात 9 अगस्त को राज्यसभा में भी सर्व सम्मति से पारित किया गया। छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जाति की सूची में महरा, महारा समुदाय को महार, मेहरा, मेहर के साथ पर्यायवाची के रूप में शामिल करने संविधान के अनुच्छेद 341 (2) के तहत संसद में विधेयक पारित होने पर छत्तीसगढ़ के सर्व महार माहरा महरा समाज ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी से मुलाकात कर केंद्र व राज्य सरकार का आभार जताया है।

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