Chhattisgarh News हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल पारदेशी और निदेशक जयप्रकाश मौर्य को अवमानना याचिका पर नोटिस जारी किया

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
रायपुर: हाई कोर्ट ने ये नोटिस एक याचिका की सुनवाई करते हुए जारी किया है। याचिका में दावा किया गया कि मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के खिलाफ एक विभागीय जांच के संबंध में हाई कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया गया है। न्यायमूर्ति अरविंद सिंह चंदेल ने कहा कि अवमानना याचिका तर्क योग्य है। कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा। अदालत ने स्वास्थ्य सचिव और निदेशक को नोटिस जारी कर उनसे जल्द से जल्द जवाब मांगा है। इस मामले में चार सप्ताह के बाद सुनवाई होगी। घरेलू खरीदारी की होड़ – मिक्सर ग्राइंडर, गीजर, वॉटर प्यूरीफायर और अन्य पर 70% तक की छूट। याचिकाकर्ता तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. अरुण सिंह रात्रे छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में तैनात थे। 30 जुलाई 2018 को स्वास्थ्य सचिव ने कुछ आरोपों के आधार पर सीएमएचओ को आरोप पत्र सौंपा और विभागीय जांच शुरू की। इस बीच सीएमएचओ 30 जून 2019 को नौकरी से सेवानिवृत्त हुए। हालांकि, उनके खिलाफ विभागीय जांच लंबित रही। चार्जशीट के याचिकाकर्ता के जवाब से असंतुष्ट एक जांच अधिकारी और प्रस्तुति अधिकारी को 5 अगस्त 2019 को नियुक्त किया गया था। एक और जांच अधिकारी को 20 अक्टूबर, 2021 को नियुक्त किया गया था। सीएमएचओ ने दाखिल की थी हाई कोर्ट में याचिका विभाग के रवैये से नाराज सीएमएचओ ने अधिवक्ता अभिषेक पांडे और दुर्गा मेहर के माध्यम से हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की। वकील ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, विनियमन और अपील) नियम, 1966 के उप-नियम 14 के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ शुरू की गई जांच को एक वर्ष से अधिक समय नहीं, शीघ्रता से पूरा किया जाना है। हालांकि इस मामले में यह पांच साल से लंबित है