Light Combat Helicopter: आ गया वह लाइट हेलीकॉप्टर (LCH) जिसका इंतजार था एयर फोर्स को, खासियत जानिए यहां
स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की पहली यूनिट मिल रही है एयरफोर्स को कुछ ही देर में चार LCH शामिल हो रहे हैं एयरफोर्स में सियाचिन में भी काम आएंगे ये हेलिकॉप्टर

IAF Helicopter
इंडियन एयरफोर्स को स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (LCH) की पहली यूनिट मिल रही है। 5.8 टन वजन वाले ये हेलिकॉप्टर हाई एल्टीट्यूट में एयरफोर्स(Indian Air Force) की ताकत में कई गुना इजाफा करेंगे। ये मल्टी रोल अटैक हेलिकॉप्टर हैं। इसका कॉम्बैट रेडियस 500 किलोमीटर है। यह 21 हजार फीट तक की ऊंचाई तक ऑपरेट कर सकता है। इसकी अधिकतम स्पीड 330 केएमपीएच है।

पहली यूनिट में 10 एलसीएच
एयरफोर्स (IAF) अभी रूस के Mi-25 और Mi-35 अटैक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करता है, जो काफी पुराने हैं। जब एयरफोर्स में अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हुए तो रूसी Mi हेलिकॉप्टर की एक स्क्वॉड्रन को फेजआउट कर दी गई थी। Mi-35 को मौजूदा स्क्वॉड्रन को मेनटेनेंस के लिए भेजा जाएगा, जिससे इन पुराने अटैक हेलिकॉप्टर की लाइफ कई साल बढ़ जाएगी। एयरफोर्स में अभी चार LCH शामिल हुए हैं। कुल 10 हेलिकॉप्टर का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है। इंडियन आर्मी ने भी तीन महीने पहले ही स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की पहली स्क्वॉड्रन बनाई है और कुछ दिन पहले ही आर्मी को पहला हेलिकॉप्टर (First Light Combat Helicopter) मिला है। लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर (एलसीएच) को हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएलए) ने डिजाइन और डिवेलप किया है।

पहला लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर(India First Light Combat Helicopter)
स्वदेशी एलसीएच का वजन 5.8 टन है। जिसकी वजह से यह हाई एल्टीट्यूट एरिया के लिए मुफीद है। हल्के वजन का फायदा यह है कि ये हाई एल्टीट्यूट एरिया में अपनी फुल कैपिसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकता है। करगिल युद्ध के वक्त से लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की जरूरत महसूस की गई थी। अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर का वजन करीब 10 टन है।
पहला प्रोटोटाइप 2010 में(Brief on LCH)
एचएएल ने इसका पहला प्रोटोटाइप 2010 में तैयार किया था। जिसके बाद कई ट्रायल हुए। फरवरी 2020 में इसका प्रोडक्शन शुरू हुआ। एलएसीएच में दुश्मन को चकमा देने के लिए इस तरह के फीचर हैं। इसकी बॉडी और रोटर्स पर गोली का कोई खास असर नहीं होगा। एलएसीएच में फ्रांस से ली गई मिस्ट्रल मिसाइल लग सकती है। यह मिसाइल हवा से हवा में मार करती है। इसके अलावा हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल भी इसमें लग सकती है।

लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर(Light Combat Helicopter) के सामने की तरफ 20 एमएम की गन लगी हुई है जो 110 डिग्री में घूम सकती है। इससे 70 एमएम का रॉकेट भी फायर किया जा सकता है। यह दुनिया का पहला अटैक हेलिकॉप्टर है, जो सियाचिन जैसे सुपर हाई एल्टीट्यूट एरिया में भी पूरी क्षमता से ऑपरेट कर सकता है। इसमें पायलट हेलमेट माउंटेड साइट है और इंफ्रारेड साइटिंग सिस्टम के जरिए जमीन और हवा में किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना लगाया जा सकता है। हेलिकॉप्टर सेल्फ प्रोटेक्शन सूट से लैस है इसमें रडार और लेजर मिसाइल वॉर्निग सिस्टम लगा हुआ है। ये कम विजिबिलिटी में दिन-रात किसी भी मौसम में ऑपरेट कर सकता है। इसका इस्तेमाल एंटी इंफेंट्री ( पैदल सेना के खिलाफ), एंटी आर्मर ( सेना को ले जाने वाले वीइकल के खिलाफ), एंटी यूएवी के तौर पर हो सकता है। काउंटर इनसरजेंसी ऑपरेशन में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।


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