Madhya Pradesh ग्रीष्मकालीन शिविर का पाली एसडीओपी ने किया शुभारंभ

रिपोर्टर कंचन साहू उमरिया मध्य प्रदेश
उमरिया ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर बिरसिंहपुर पाली के बिरासनी स्टेडियम में पाली पुलिस, नेहरू युवा केंद्र उमरिया, खेल एवं युवा कल्याण विभाग उमरिया के सहयोग से जिले की सक्रिय युवाओं की टोली युवा टीम उमरिया के द्वारा ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर का शुभारंभ 15 मई 2023 को युवाओं के प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद एवं विद्या की देवी मां सरस्वती जी के चित्र पटल पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित करके बिरासनी स्टेडियम बिरसिंहपुर पाली में पाली एसडीओपी डॉ जितेंद्र सिंह जाट, पाली थाना प्रभारी आरके धारिया,सहायक उपनिरीक्षक बृजेन्द्र उर्मलिया, क्रिकेट कोच नृपेंद्र सिंह, कराटे कोच राहुल विश्वकर्मा, योगा कोच मुलायम सिंह यादव के द्वारा ग्रीष्म काल शिविर का शुभारंभ किया गया। खेल शिविर में रस्सी कूद, क्रिकेट, दौड़, खो-खो, वॉलीबॉल फुटबॉल, बैडमिंटन, ड्राइंग, योगा, कराटे, सूर्य नमस्कार, डांस आदि का आयोजन किया जा रहा है। शिविर में भाग लेने वाले 8 साल से लेकर 17 साल तक के 50 से भी अधिक बच्चे भाग लेकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
पाली एसडीओपी डॉ जितेंद्र सिंह जाट व पाली टीआई आर.के धारिया ने कहा किस्वस्थ शरीर और दिमाग को विकसित करने के लिए खेल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खेल कई प्रकार के होते हैं, जो हमारे शारीरिक के साथ मानसिक विकास में मदद करते हैं। लगातार पढ़ाई के दौरान कई बार तनाव की स्थिति होती है। ऐसे में खेल इस तनाव को दूर करने का बेहतर माध्यम है। शिविर एक नेचर कैंप है, जहां बच्चों को शहर और तकनीक की भीड़ से अलग जगह पर रहना होता है। कैम्प बच्चों को गैजेट्स और इंटरनेट से अलग करते हैं और उन्हें प्रकृति के बीच एक नए वातावरण में सीखने और समायोजित करने के लिए मजबूर करते हैं। युवा टीम लीडर हिमांशु तिवारी ने कहा कि बच्चों के लिए ग्रीष्म शिविर अत्यधिक महत्व रखता हैं। ग्रीष्मकालीन शिविर दिन के दौरान 3-5 घंटे तक काम करते हैं। ये शिविर बच्चों को पेंटिंग, डांसिंग, संगीत वाद्ययंत्र बजाना, भाषा सीखना और कई अन्य रोचक और इंटरैक्टिव गतिविधियों जैसे गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित करते हैं जो एक बच्चे के समग्र विकास में सहायता करते हैं। ये गतिविधियाँ बच्चों को उनके जुनून और उन कौशलों की पहचान करने में मदद करती हैं जो वे अच्छे हैं। इन शिविरों के दौरान, बच्चे एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते हैं, कड़ी मेहनत करना सीखते हैं और अन्य बच्चों के साथ मिलकर काम करते हैं। शिविर उन्हें स्वतंत्रता में संक्रमण में मदद करेगा एक स्वतंत्र बच्चे की परवरिश का अर्थ है शिक्षण की जिम्मेदारी, अन्वेषण को प्रोत्साहित करना और बच्चे को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना। शिविर के दौरान हिमांशु तिवारी,खुशी सेन,माया सिंह, राहुल सिंह,सुनील प्रजापति, शिखा बर्मन, विकास सिंह,नेहा द्विवेदी एवं सभी खिलाड़ी उपस्थित रहे।