आठ साल बाद घर लौटे पूर्व विधायक संजीव सिंह, सिंह मैंशन में उमड़ा जनसैलाब — स्वागत में छलका भावनाओं का सागर
👉 संजीव सिंह की वापसी बनी झरिया की बड़ी खबर, सिंह मैंशन में जश्न और जनसैलाब
👉 ‘ओनली फैमिली, नो पॉलिटिक्स’ — संजीव सिंह के स्वागत में दिखी पारिवारिक एकजुटता
👉 भावनाओं का उत्सव बना संजीव सिंह का स्वागत समारोह, समर्थकों की उमड़ी भीड़
👉 आठ साल बाद घर वापसी पर संजीव सिंह का ऐतिहासिक स्वागत, सिंह मैंशन में जश्न का माहौल
धनबाद:
आठ साल छह माह बाद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह की घर वापसी ने पूरे धनबाद को उत्सव में बदल दिया। रविवार को सिंह मैंशन में हुए स्वागत समारोह ने राजनीति से अधिक भावनाओं और पारिवारिक एकजुटता का संदेश दिया।
दुर्गापुर हवाई अड्डे से शाम सात बजे जब उनका काफिला सिंह मैंशन पहुंचा, तो चारों ओर से जयकारे, बैंड-बाजे और आतिशबाजी ने माहौल को उत्सवी बना दिया। समर्थकों की भारी भीड़ के कारण पूरा इलाका जाम हो गया।
मुख्य द्वार पर उनकी पत्नी और झरिया विधायक रागिनी सिंह ने गायत्री परिवार की महिलाओं के साथ पारंपरिक तरीके से आरती, तिलक और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इसके साथ ही सिंह मैंशन “संजीव सिंह जिंदाबाद” और “सिंह मैंशन अमर रहे” के नारों से गूंज उठा।
👉वैदिक मंत्रोच्चारण और पारिवारिक भावनाओं से सजा मंच
संजीव सिंह के मंच पर पहुंचते ही बिहार के हाजीपुर से आए पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच उनका स्वागत किया। परिवार की महिलाओं ने तिलक और आरती से अभिनंदन किया, जबकि छोटे भाई और जनता श्रमिक संघ के महामंत्री सिद्धार्थ गौतम ने चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया।
संजीव सिंह ने मंच से उतरकर एक-एक समर्थक से मुलाकात की, कई को गले लगाया। यह दृश्य एक भावनात्मक पुनर्मिलन का प्रतीक बना।
👉तीन घंटे तक इंतजार में खड़े रहे समर्थक
दोपहर से ही समर्थक सिंह मैंशन के बाहर ढोल-नगाड़ों के साथ जुटने लगे थे। शाम होते-होते हजारों की भीड़ जमा हो चुकी थी। जैसे ही उनका काफिला पहुंचा, आतिशबाजी और पुष्पवर्षा से माहौल उल्लास में डूब गया।
👉‘ओनली फैमिली, नो पॉलिटिक्स’ का संदेश
स्वागत मंच पर परिवार की एकता और परंपरा को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया था। मंच पर रागिनी सिंह, विक्रमा सिंह, स्व. सूरजदेव सिंह, कुंती देवी, स्व. राजीव रंजन सिंह, सिद्धार्थ गौतम और संजीव सिंह के कटआउट लगाए गए थे। इससे साफ संदेश गया कि यह कार्यक्रम राजनीति से परे, परिवार और समर्थकों के पुनर्मिलन का अवसर था।
👉भाजपा नेताओं की मौजूदगी और राजनीतिक संकेत
भले ही मंच पर राजनीति की चर्चा नहीं हुई, लेकिन कार्यक्रम में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे — जिनमें संजय झा, मिल्टन पार्थसारथी, संजीव अग्रवाल, नितिन भट्ट, रमेश राही, रमा सिन्हा, चुन्ना सिंह, अमलेश सिंह, नित्यानंद मंडल और जयंत चौधरी शामिल रहे।
इन नेताओं की उपस्थिति ने राजनीतिक हलकों में नये समीकरणों की चर्चा को जन्म दे दिया है।
👉संजीव सिंह की वापसी से झरिया की राजनीति में हलचल
समर्थकों के चेहरे पर उम्मीद और उत्साह साफ झलक रहा था। किसी राजनीतिक घोषणा के बिना भी संजीव सिंह की यह वापसी झरिया की राजनीति में नयी ऊर्जा लेकर आई है।
रात दस बजे तक मिलन, मिठाइयों और जश्न का दौर चलता रहा।